प्रदेश की सभी कोर्ट की सुरक्षा की जाए कड़ी, लगाए जाए मैटल डिटेक्टर और सीसीटीवी

31 दिसंबर तक करना है निर्देशों का पालन, नहीं लगे गेटों पर मेटल डिक्टेक्टर, बंद पड़े हैं सीसीटीवी

Meerut। बिजनौर कोर्ट में हत्या होने के बाद भी मेरठ पुलिस प्रशासन अलर्ट नहीं हुआ है। यहां किसी प्रकार की कोई सख्ती नहीं है। कचहरी के अंदर कौन एंट्री कर रहा है, किसी की कोई तलाशी नहीं ली जा रही है। मेटल डिक्टेक्टर की व्यवस्था गेटों पर नहीं है। सीसीटीवी कैमरे भी बंद पड़े हैं, इसको लेकर भी प्रशासन गंभीर नहीं है।

क्या है आदेश

दरअसल, गत 21 दिसंबर को बिजनौर कोर्ट में हुई हत्या के बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को सभी कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था सख्त करने के निर्देश दिए थे। जिससे इस तरह की घटना आगे भविष्य में न हो। इसके लिए मेटल डिक्टेक्टर, सीसीटीवी कैमरे, हैंड मेटल डिक्टेक्टर आदि कोर्ट के सभी गेट पर लगाने के भी निर्देश दिए गए थे। जिन्हें 31 दिसंबर तक पूरा किया जाना है।

गेट पर मेटल डिक्टेक्टर नहीं

कचहरी के किसी भी गेट पर मेटल डिक्टेक्टर नहीं है बल्कि केवल कुछ पुलिसकर्मी तैनात हैं। यह पुलिसकर्मी इतने लापरवाह है कि कचहरी के किस गेट से कौन एंट्री कर रहा है, इन्हें परवाह ही नहीं है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने कचहरी के सभी गेटों पर चेकिंग की तो देखने में आया कि कुछ पुलिसकर्मी फोन पर बात कर रहे थे तो कुछ पुलिसकर्मी आराम से धूप सेक रहे थे। कचहरी के गेट से कौन एंट्री कर रहा है, किसी की तलाशी तक लेना पुलिसकर्मियों ने उचित नहीं समझा। सेशन हवालात और सदर हवालात पर जहां बंदियों के वाहन आकर रूकते है, यहां पर भी पुलिस सुरक्षा के इंतजाम देखने को नहीं मिले।

कैसी सख्ती चालिस कैमरे चल रहे है बंद

उत्तर प्रदेश एरिया विकास निगम ने दो साल पहले कचहरी में शासन के आदेश पर 40 कैमरे लगाए थे। कचहरी के हर प्वाइंट पर कैमरा लगाया गया था, इसका बकायदा एक कंट्रोल रूम सैनिक भवन कचहरी में बनाया गया था। काफी समय बीत जाने के बावजूद भी यह कैमरे शुरू नहीं हो सके हैं। दरअसल, कैमरों को लेकर सिविल लाइन पुलिस ने कोई पत्राचार भी संबंधित विभाग से नहीं किया है। यही वजह रही कि यह कैमरे शुरू नहीं हो सके। ऐसे में कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से रामभरोसे है। हालांकि कचहरी में करीब 15 कैमरे चल रहे हैं। जिनके लिए लोकल कंपनी से टाईअप किया गया है।

कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्लान शासन से आया है। जल्द ही इस पर काम किया जाएगा। कचहरी में एंट्री से लेकर कोर्ट तक सुरक्षा व्यवस्था और सख्त की जाएगी।

अजय साहनी, एसएसपी, मेरठ

क्या बोले एडवोकेट

कचहरी में सुरक्षा व्यवस्था सख्त होनी चाहिए। वकीलों की सुरक्षा का भी पुलिस-प्रशासन को ध्यान रखना चाहिए। मेटल डिक्टेक्टर और चेकिंग भी कचहरी में की जानी चाहिए।

उपदेश शर्मा, एडवोकेट

मेरठ में कई बदमाशों के बीच गैंगवार चल रही है। यहां आए दिन कचहरी में धमकी भी दी जाती है। ऐसे में कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था को फोकस करते हुए सख्ती बरतनी चाहिए, ताकि बिजनौर जैसी घटना मेरठ में न हो सके।

युगांत त्रिवेदी, एडवोकेट

कचहरी में सीसीटीवी भी खराब पड़े हैं। मेटल डिक्टेक्टर की किसी गेट पर कोई व्यवस्था नहीं है। पुलिसकर्मी तो बैठे रहते हैं लेकिन कौन संदिग्ध आ रहा है, इस पर कोई नजर नहीं रखी जा रही है।

विशाल सिंह, एडवोकेट

मेरठ कचहरी में कई बार खून खराबा भी हो चुका है। कुछ साल पहले हत्या भी हो चुकी है। बिजनौर की हत्या बड़ा उदाहरण है, यहां सख्ती से पुलिस को पेश आना चाहिए।

सुबोध कुमार, एडवोकेट

Posted By: Inextlive