- एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने किया घटनास्थल का दौरा

- गांव में कुछ लोगों से थी दुश्मनी, कई अन्य पहलू भी

- पुलिस जल्द कर सकती है कुछ अहम खुलासा

LUCKNOW: एनआईए अफसर तंजील अहमद के हत्या के पीछे आतंकियों की भूमिका के प्रमाण नहीं मिले हैं। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत सिंह चौधरी के मुताबिक शुरुआती जांच में सामने आया है कि तंजील की गांव में ही कुछ लोगों से गहरी दुश्मनी थी। पुलिस को शक है कि इसी वजह से तंजील को मारा गया। बावजूद इसके पुलिस इस मामले से जुड़े अन्य तमाम पहलुओं को भी खंगाल रही है। बुधवार को इस बाबत कुछ अहम खुलासे पुलिस कर सकती है। मंगलवार को बिजनौर जाकर घटनास्थल का मौका-मुआयना और जांच अधिकारियों से बातचीत के बाद एडीजी ने यह बयान दिया।

संदिग्धों की फोटो मिली थी

मंगलवार को जांच एजेंसियों के हाथ तंजील की भांजी के शादी समारोह में आये दो संदिग्ध युवकों की फोटोग्राफ लगी जिसके बाद उनकी पहचान की जाने लगी। बाद में इनमें से एक युवक तंजील के गांव का ही निकला। दूसरे की शिनाख्त अभी बाकी है। वहीं, दूसरी ओर एक चश्मदीद भी सामने आया है जिसने दावा किया कि तंजील अहमद 24 गोलियां लगने के बाद भी जिंदा थे। जब उसने 100 नंबर पर फोन किया तो पुलिस ने कोई मदद नहीं की। सूत्रों के मुताबिक तंजील की कॉल डिटेल में एक महिला का नंबर भी मिला है जिससे उनकी आखिरी बार बात हुई थी। माना जा रहा है कि महिला उनकी कोई रिश्तेदार थी। इसकी पड़ताल की जा रही है। इसके अलावा तंजील का लैपटॉप, मोबाइल इत्यादि भी पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। तंजील की गाड़ी से मिले तीन ब्लड सैंपल भी जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। माना जा रहा है कि इनमें से एक ब्लड सैंपल हमलावरों का भी हो सकता है।

कुछ अहम सुराग लगे हाथ

जांच एजेंसियों के हाथ मंगलवार को घटना से जुड़े कुछ अहम सुराग लगे हैं। आईजी एसटीएफ रामकुमार ने कहा कि फिलहाल इसे गोपनीय रखा गया है। फोरेंसिक टीम ने मंगलवार को भी घटनास्थल का मौका-मुआयना किया और तमाम सुबूत एकत्र किए। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत सिंह चौधरी ने मंगलवार को बिजनौर जाकर पूरे मामले की जानकारी ली। उन्होंने एटीएस और एसटीएफ के अलावा एनआईए के अधिकारियों से भी मामले से जुड़े हर पहलू पर बातचीत की। देर रात उन्होंने बताया कि घटना के तार तंजील के गांव से जुड़ रहे हैं। कुछ लोगों से दुश्मनी समेत तमाम पहलुओं को खंगाला जा रहा है।

एनआईए टेकअप कर सकती है केस

तंजील अहमद की हत्या के पीछे अगर आतंकियों का हाथ होने के प्रमाण मिलते हैं तो एनआईए इस मामले को टेकअप कर सकती है। एनआईए के सूत्रों ने मंगलवार को इसके संकेत देते हुए कहा कि फिलहाल मामले की विवेचना यूपी पुलिस के जिम्मे है। वे केवल इसमें सहयोग कर रहे हैं। मालूम हो कि देश में होने वाली किसी भी आतंकी वारदात की जांच एनआईए करती है।

Posted By: Inextlive