कला पुरस्कार में नहीं दिखता माइनॉरिटी प्रेम!
- बिहार कला पुरस्कार 2013-14 के लिए नामों की अनाउंसमेंट के बाद उठने लगे सवाल
- सूबे में जिनकी आबादी लगभग 17 फीसदी है उनकी कहीं चर्चा तक नहींPATNA (13 May) : इस चुनाव में मुसलमानों ने बता दिया कि वे किस तरफ हैं। नीतीश कुमार ने तो नरेन्द्र मोदी के सवाल पर बीजेपी से सत्रह साल पुरानी दोस्ती ही तोड़ दी थी। इसके बाद से लगातार कला-संस्कृति एवं युवा विभाग भी नीतीश कुमार के ही जिम्मे है। इस विभाग ने इन दिनों पुरस्कारों की घोषणा की है, लेकिन इसके बाद इस फैसले पर कई सवाल भी चर्चा में हैं। जब बड़ी आबादी वंचित होती है तो चर्चा होना स्वाभाविक है। हम बात कर रहे हैं बिहार के कलाकारों को सम्मानित करने की। लेकिन इस बीच एक ऐसे वर्ग की उपेक्षा की गई है जिसकी आबादी लगभग क्7 फीसदी है। सवाल उठता है कि जब सम्मान देने की बात हो तो एक बारगी किसी को नकारा नहीं जा सकता है। बिहार कला पुरस्कार तीसरी बार नीतीश सरकार की ओर से दिए जा रहे हैं। वर्ष ख्0क्फ्-क्ब् में जिन्हें पुरस्कार दिया जाना है उन नामों पर नजर डालिए। ये नाम ख्ख् फरवरी ख्0क्ब् को राज्यपाल के आदेश से जारी अधिसूचना में हैं। इस सूची में आप भी क्7 फीसदी में से एक फीसदी उपस्थिति देखने को तरस जाएंगे।
फाइन आर्ट्स के क्षेत्र में पुरस्कार क्। राधा मोहन पुरस्कार, समकालीन कला के लिए वरिष्ठ पुरस्कार- मिलन दास युवा पुरस्कार- सचिन्द्र नाथ झा ख्। कुमुद शर्मा पुरस्कार, महिला कलाकार को वरिष्ठ पुरस्कार-मंजू प्रसाद युवा पुरस्कार- कुमारी रंजीता फ्। सीता देवी पुरस्कार, लोक कला के लिए वरिष्ठ पुरस्कार- निर्मला देवी युवा पुरस्कार- विभा लाल ब्। दिनकर पुरस्कार, चाक्षुष कला लेखन के लिए वरिष्ठ पुरस्कार- मनोज कुमार बच्चन युवा पुरस्कार- विकास कुमार प्रदर्श कला के क्षेत्र में पुरस्कार क्। पं रामचतुर मल्लिक पुरस्कार, शास्त्रीय गायन के लिए वरिष्ठ पुरस्कार- जगतनारायण पाठक युवा पुरस्कार- माला और जयमाला मिश्रा ख्। भिखारी ठाकुर पुरस्कार, रंगमंच के लिए वरिष्ठ पुरस्कार-सुमन कुमार, पटना युवा पुरस्कार- मानवेन्द्र त्रिपाठी फ्। विंध्यवासिनी देवी पुरस्कार, लोक गायन के लिए वरिष्ठ पुरस्कार-अजीत कुमार अकेला युवा पुरस्कार- राजू मिश्रा ब्। रामेश्वर सिंह कश्यप पुरस्कार, प्रदर्श कला लेखन के लिए वरिष्ठ पुरस्कार- रामेश्वर प्रेम युवा पुरस्कार- अभिजीत चक्रवर्ती भ्। विस्मिल्ला खां पुरस्कार, वाद्य वादन के लिए वरिष्ठ पुरस्कार-डॉ श्याम मोहन युवा पुरस्कार- शान्तनु राय म्। अम्बपाली पुरस्कार, नृत्य के लिए वरिष्ठ पुरस्कार-पं। शिवजी मिश्रा युवा पुरस्कार- जितेन्द्र कुमार इन्हें भी मिलेंगे पुरस्कारफाइन आर्ट्स में नेशनल लेवल का पुरस्कार सुबोध गुप्ता को दिया जाएगा, जबकि प्रदर्श कला का नेशनल लेवल का पुरस्कार सतीश आनंद को दिया जाएगा। लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार, प्रदर्श कला में नालंदा के करंट लाल नट को और फाइन आर्ट्स में लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार मधुबनी की गोदावरी दत्त को दिया जाएगा। पुरस्कार में वरिष्ठ कलाकारों को फ्भ् हजार और युवा कलाकारों को क्0 हजार रूपए दिए जाएंगे। जिन्हें नेशनल लेवल का पुरस्कार दिया जाएगा उन्हें एक लाख रुपए भी दिए जाएंगे।
कला के क्षेत्र में कई मुसलमान हैं जो बेहतर कार्य कर रहे हैं। मुस्तफा को ही लें वे बहुत अच्छी बांसुरी बजाते हैं। किसी भी धर्म-जाति में सक्षम कलाकार हैं तो उन्हें सम्मान मिलना चाहिए। - तनवीर अख्तर, वरिष्ठ रंगकर्मी मैं क्997 में ललित कला अकादमी का सदस्य रह चुका हूं। अब मुसलमानों को पुरस्कार नहीं दिया जा रहा है तो इसमें हम क्या कर सकते हैं। हम तो कलाकार हैं। - सुल्तान मुजफ्फर आजाद, आर्टिस्ट जब मैं मंत्री थी तो सैय्यद हैदर खां को पुरस्कार दिया था। इस साल नीतीश सरकार किनको पुरस्कार दे रही है इसकी जानकारी अभी मुझे नहीं है। क्म् तारीख के बाद बात करिए तो अच्छा रहेगा। - सुखदा पांडेय, पूर्व मंत्री, कला, संस्कृति व युवा विभागललित कला अकादमी में नहीं दिखेंगे माइनॉरिटीज
बिहार ललित कला अकादमी पटना के सामान्य परिषद् और कार्यकारिणी परिषद् के गठन की नोटिफिकेशन क्9 फरवरी ख्0क्ब् को निकली। इसमें मनोनीत सदस्यों में एक भी माइनॉरिटीज नहीं दिखेंगे। पदेन सदस्य तो विभागीय अधिकारी होते हैं। सामान्य परिषद् के मनोनीत कलाकार आनंदी प्रसाद बादल- अध्यक्ष, मिलन दास- उपाध्यक्ष, अमरेश कुमार, मूर्तिशिल्प, पटना, अजीत दूबे, प्रिंट मेकिंग, शिवन पासवान, लोककला, मधुबनी, शैलेन्द्र कुमार, फोटोग्राफी, पटना, बी.के। जैन, फोटोग्राफी, पटना, राजकुमार लाल, लोककला, मधुबनी, विरेन्द्र कुमार सिंह, चित्रकला, पटना और डॉ। ज्योतिष चंद्र शर्मा, कला आलोचना, भागलपुर सभी सदस्य हैं। बिहार संगीत नाटक अकादमी में ढूंढ़ते रह जाएंगे बिहार संगीत नाटक अकादमी के मनोनीत सदस्यों में भी माइनॉरिटीज ढ़ूंढ़ने से भी आपको नहीं मिलेंगे। क्9 फरवरी ख्0क्ब् को जो नोटिफिकेशन जारी हुई उसके अनुसार इनका मनोनयन हुआ। आलोक धन्वा, पटना- अध्यक्ष, प्रदीप्तो मुखर्जी, पटना- उपाध्यक्ष, नीतू कुमारी नूतन, लोकगीत, सुमन कुमार, रंगमंच, पटना, सोमा चक्रवर्ती, पटना, प्रो। संतोष कुमार, रंगमंच, पटना, श्रीकांत किशोर, नाट्य लेखन, सिनियर कमांडेंट सीआईएसएफ, पटना एयरपोर्ट और विनोद अनुपम, फिल्म समालोचक, पटना सभी सदस्य हैं। अनाउंसमेंट के साथ कला पुरस्कारों पर उठे सवालबिहार कला पुरस्कार ख्0क्फ्-क्ब् के लिए नामों की अनाउंसमेंट कर दी गई है। लिस्ट में कई फेमस आर्टिस्ट्स के नाम शामिल हैं। लेकिन दूसरी ओर पुरस्कार देने की अनाउंसमेंट के साथ ही विवाद भी शुरू हो गया है। नाम को लेकर कई तरह की चर्चा का बाजार गर्म है। जानकारी हो कि बीजेपी से अलग होने के बाद से कला-संस्कृति एवं युवा विभाग नीतीश कुमार के जिम्मे है। कला पुरस्कारों की घोषणा पर चर्चा इसलिए हो रही है कि इसमें एक बड़ी आबादी को उपेक्षित किया गया है।
एक बारगी नकार नहीं सकते हम बात कर रहे हैं बिहार के कलाकारों के ऐसे वर्ग की उपेक्षा की जिसकी आबादी लगभग क्7 फीसदी है। सवाल उठता है कि जब सम्मान देने की बात हो तो एक बारगी किसी को नकारा नहीं जा सकता है। वरिष्ठ रंगकर्मी तनवीर अख्तर कहते हैं कि कला के क्षेत्र में कई मुसलमान हैं जो बेहतर कार्य कर रहे हैं। इनका मानना है कि किसी भी धर्म-जाति में सक्षम कलाकार हैं तो उन्हें सम्मान मिलना चाहिए। वहीं आर्टिस्ट सुल्तान मुजफ्फर आजाद हंसते हुए कहते हैं कि हम तो कलाकार हैं। मुसलमानों को पुरस्कार नहीं दिया जा रहा है तो इसमें हम क्या कर सकते हैं। बिहार कला पुरस्कार तीसरी बार नीतीश सरकार की ओर से दिए जा रहे हैं। वर्ष ख्0क्फ्-क्ब् में जिन्हें पुरस्कार दिया जाना है उन नामों पर नजर डालिए। ये नाम ख्ख् फरवरी ख्0क्ब् को राज्यपाल के आदेश से जारी अधिसूचना में हैं। इस सूची में आप भी क्7 फीसदी में से एक फीसदी उपस्थिति देखने को तरस जाएंगे।