Jamshedpur: पार्टी करना बुरी बात होती है. सिर्फ बिगड़े हुए और गंदे बच्चे ही पार्टी किया करते हैं. छुट्टी बितानी ही है तो घर पर टीवी देखो या किताब पढ़ो. घर से बहुत देर तक बाहर सिर्फ अवारा तरह के बच्चे ही रहा करते हैं. ये नसीहतें तो आपको बखूबी याद होंगी ही.

आप घर से बाहर निकले नहीं कि बस घर से फोन आना शुरू। और तो और अगर आपके पास मोबाइल ना भी हो तो पूरी कोशिश की जाती थी कि आपके फ्रैंड्स के घर कॉल कर के आपकी खबर लेती रही जाए। लडक़े तो फिर भी फ्रैंड्स के साथ टाईम स्पेंड करने के लिए तो छोटे-छोटे ढाबे और चाय की दुकानों पर जमावड़ा लगाए रहते थे। पर लड़कियों को तो घर से इतनी परमिशन भी नहीं मिल पाती थीं कि वो फ्रैड्स के साथ बाहर हैंगआउट का सकें। पर अब बदलते हुए समय ने अपने साथ काफी कुछ बदल दिया है। अब पैरेंट्स अपने बच्चों को नसीहत देने के बजाय उनके साथ पार्टी करना पसंद कर रहे हैं और छोटी दुकानों की जगह अब डोमिनोज, सबवे और सीसीडी ने ले ली है।

Time to rock
बिष्टुपुर में रहने वाली प्रिया अपने को बिल्कुल पार्टी फ्रीक मानती हैं। प्रिया क्लास 11 की स्टूडेंट हैं और अपने फ्रैंड्स के साथ हैंगआउट उनका फेवरेट पासटाईम है। लेट नाईट पार्टीज, फ्रैंड्स के साथ लेट नाईट हैंगआउट के बिना उनकी मस्ती पूरी नहीं होती। स्पेशली विकेंड्स पर डांस, गाना, मस्ती, पार्टी के बिना तो उनको हर विकेंड अधूरा लगता है। सिर्फ प्रिया ही नहीं बल्कि ज्यादातर यंगस्टर्स भी कुछ ऐसा ही कहते हैं। जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की अंजलि बताती हैं कि पूरे वीक का शेड्यूल काफी टाईट होता है, तो विकेंड पर अगर पार्टी ना हो मस्ती ना हो तो बहुत डल और बोरिंग महसूस होती है। वहीं वकर्स कॉलेज के विकास बताते हैं कि छोटी दुकानों पर हैंगआउट करने से अच्छा ऑप्शन है सीसीडी या डोमिनोज जाना, क्योंकि वहां आपको अपना पर्सनल स्पेस मिलता है। इसके अलावा एक ही जगह आपको बहुत सारी वैरायटी की चीजें भी मिल जाती हैं। थोड़े से पैसे ज्यादा जरूर लगते हैं पर ऐसे जगहों पर आप अच्छे से अपना हैंगआउट इंज्वॉय का सकते हैं।

Hotels  भी नहीं हैं पीछे
इन पार्टीज को रॉकिंग को बनाने के में सिटी के होटलों ने भी कोई कमी नहीं छोड़ी है। साकची स्थित यो चाइना के रेस्टोरेंट मैनेजर राजेश कुमार के अनुसार वीकेंड पर उनके रेस्टोरेंट में वीक डेज से कहीं ज्यादा भीड़ होती है। रेस्टोरेंट का टर्नओवर भी वीक डेज पर करीब दोगुना हो जाता है। वीकेंड्स पर ज्यादातर यंगस्टर्स पार्टी करने ज्यादा से ज्यादा आते हैं और शायद ही ऐसा कोई विकेंड हो जब उनके होटल के बैंक्वेट हॉल खाली रहा हो। ज्यादा से ज्यादा यंगस्टर्स को अट्रैक्ट करने के प्वॉइंट ऑफ व्यू से रेस्टोरेंट ने विकेंड्स के लिए स्पेशल ऑफर्स का भी सिस्टम रखा है। राजेश  बताते हैं कि पैरेंट्स अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा भेजें यहां इसके लिए वो स्पेशल प्रोटेक्शन का ख्याल रखते हैं। होटल सिटी इन्न के जेनरल मैनेजर, ऑपरेशनल सिटी, स्वरूप चटर्जी के अनुसार उनके होटल में भी वीकेंड पर स्पेशल ऑफर्स दिये जाते हैं। इसके अलावा यंगस्टर्स के डिमांड पर वो स्पेशल म्यूजिक और स्पेशल फूड का भी अरेंजमेंट करवा देते हैं। इसके अलावा वीकेंड पर पार्टी करने वालों को होटल की तरफ से कॉम्लीमेंट्री ड्रिंक भी दिया जाता है। इस तरह से वो एक ही जगह पर उन्हें सब कुछ काफी अर्फोडेबल प्राइस में भी मिल जाता है और इसके लिए ज्यादा मशक्कत भी नहीं करनी पड़ती।

Parents भी बदल रहे हैं अपना perception
प्रिया के पापा प्रभाष कुछ दिनों पहले तक अपनी बेटी के इस शौक से परेशान रहते थे। उनका कहना है कि एक तो बाहर पार्टी करना ही अपनी सोसायटी में अच्छा नहीं माना जाता और उसमें भी लड़कियों का देर रात तक बाहर रहना, लड़कियों के लिए सेफ्टी प्वॉइंट ऑफ व्यू से भी अच्छा नहीं। बच्चों के घर से बाहर निकलने के बाद आप रह पल तो उन पर नजर नहीं रख सकते और यूथ के साथ तो आप जबरदस्ती भी नहीं कर सकते। ज्यादा रोकेंगे तो वो चोरी-छुपे करने लगेंगे। इसलिए वो हमेशा परेशान रहा करते थे। पर अब उन्होंने अब इसका सॉल्यूशन ढूंढ़ लिया है। अब वो खुद भी वो प्रिया के साथ उसकी पार्टी में शामिल हो जाते हैं। इससे वो उसका ख्याल भी रख पाते हैं और उनके सोच और तरीके के बारे में बेहतर जान भी पाते हैं। कुछ ऐसी ही सोच रखती हैं प्रशांतिका की मम्मी ममता भी। प्रशांतिका क्लास 12 की स्टूडेंट हैं और साकची में रहती हैं। मौका चाहे कोई भी हो प्रशांतिका को तो बस पार्टी का मौका चाहिए। कभी फ्रैंड का बर्थडे है तो पार्टी, तो कभी हैंगआउट करने के लिए पार्टी और वीकेंड पर तो पार्टी होनी ही चाहिए। अब लो हो गई इनकी मम्मी भी परेशान। जब वो प्रशांतिका को रोकने की कोशिश करती थीं तो प्रशांतिका जिद करने लगती थी और उनके बीच मनमुटाव हो जाता था। पर अब उन्होंने अपनी बेटी को कंपनी देना शुरू का दिया है। वो प्रशांतिका के साथ विकेंड्स पर बाहर निकल जाती है। वो कहती हैं कि अगर आप खुद ही अपने बच्चों के साथ फ्रैंड्स की तरह बिहेव करेंगे और एक दायरे में रहकर आप वो करें जो उन्हें पसंद है तो उन्हें बाहर जाने की जरूरत उतनी महसूस नहीं होगी। और अगर वो गए भी तो इतना फ्रैंडली जरूर फील करेंगे की अपने फ्रैंड्स के सामने आपको लेकर कॉन्शियस नहीं होंगे। ऐसे वो आपसे ज्यादा क्लोज भी हो पाएंगे और उन्हें अपना स्पेस भी मिल जाएगा।

And so the city is moving on !
सिटी में आए इस बदलाव को देखते हुए अब यहां के होटल ओनर्स यंगस्टर्स हैंगआउट प्लैसेज को और डेवलप करने का प्लॉन कर रहे हैं। होटल वेव इंटरनेशनल के ओनर राजा सिंह बताते हैं कि उनके होटल में वीकेंड्स पर बढ़े भीड़ के वजह से होटल के टर्नओवर के एवरेज में 70-30 का फर्क आ जाता है। इस लंबे फर्क को देखते हुए और यंगस्टर्स के आउटिंग और पार्टी के क्रेज को देखते हुए, उन्होंने इसको डेवलप करने का प्लान किया है। यूथ के बढ़ते डिमांड को देखते हुए एक ऐसी जगह खोलने का प्लान किया है, जहां हैंगआउट पूरी मस्ती के साथ हो सके। इस बदलते हुए हैंगआउटकल्चर ने सिटी के अलावा हैंगआउट बिजनेस को भी पूरी तैयारी कर ली है।

Report by: rachana.jha@inext.co.in

Posted By: Inextlive