Jamshedpur: 1999 के जेनरल इलेक्शन स्टेट की चौदह लोकसभा सीट्स में से ग्यारह सीट जीतने वाली बीजेपी 2004 में सिर्फ एक सीट पर सिमट कर रह गयी थी. इस साल छह सीट लाने वाली कांग्र्रेस को 2009 में सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा था. पिछले सात जेनरल इलेक्शन्स के नतीजों पर नजर डालें तो कुछ ऐसा ही उलटफेर दूसरी पार्टीज के पर्फामेंस में भी दिखता है.

मुश्किल है voters को समझना  
लोकसभा इलेक्शन की तैयारियां जोरों पर है, सभी पार्टीज और कैंडीडेट्स वोटर्स को रिझाने में लगे हैं, पर वोटर्स का रुख किस तरफ होगा ये कहना मुश्किल है। अगर पिछले सात लोकसभा चुनावों के नतीजों पर नजर डाले तो स्टेट में बड़े-बड़े उलटफेर हुए हैैं। इन इलेक्शन्स में सबसे बड़ा बदलाव बीजेपी, कांग्र्रेस और जेएमएम जैसी पार्टीज के पर्फामेंस में देखने को मिलता है।

हुए हैैं बड़े उलट-फेर
पिछले सात जेनरल इलेक्शन्स में अगर स्टेट में किसी पार्टी के पर्फामेंस में सबसे ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है तो वो है बीजेपी। पिछले सात लोकसभा इलेक्शन में पांच बार बीजेपी को स्टेट में सबसे ज्यादा सीट्स आई है। 1996 और 1998 में पार्टी ने स्टेट की 14 सीट्स में से 12 सीट अपने नाम किया था। 1999 में भी बीजेपी को स्टेट में ग्यारह सीट मिले थे, पर अगले ही इलेक्शन में सीट की संख्या घटकर सिर्फ एक रह गई। हालांकि अगले इलेक्शन में पार्टी ने वापसी करते हुए दुबारा 8 सीट्स पर जीत हासिल की। वहीं बात अगर कांग्र्रेस की करें तो 1991 में जहां पार्टी को स्टेट की एक भी सीट से जीत नहीं हासिल हुई थी, वहीं 2004 में पार्टी ने 6 सीट पर बाजी मारी। पर अगले इलेक्शन में ही पार्टी को हासिल हुई सीट्स की संख्या घटकर सिर्फ एक रह गई। कुछ ऐसा ही उतार-चढ़ाव जेएमएम में भी देखने को मिला है। जेएमएम ने 1991 लोकसभा इलेक्शन में स्टेट की 6 सीट्स पर जीत हासिल की थी, पर 1998 और 1999 में पार्टी ने खाता भी नहीं खोल पाई। 2009 में पार्टी ने 2 सीट्स पर जीत हासिल की थी।

मुश्किल है independent की राह
हर इलेक्शन में बड़ी संख्या में इंडिपेंडेंट कैंडीडेट्स भी अपनी किस्मत आजमाते हैैं। बात इस लोकसभा इलेक्शन की करे तो दो फेजेज के लिए हुए नोमिनेशन में 45 से ज्यादा इंडिपेंडेंट कैंडीडेट्स शामिल है। पर पिछले इलेक्शन्स को देखें तो इंडिपेंडेंट कैंडीडेट्स के लिए जीत की राह काफी मुश्किल दिखती है। 1989 से लेकर 2009 तक हुए सात जेनरल इलेक्शन्स में स्टेट में सिर्फ 2 इंडिपेंडेंट कैंडीडेट ने जीत हासिल की है। ये दोनो इंडिपेंडेंट कैंडीडेट 2009 लोकसभा इलेक्शन में जीत हासिल की थी। अगर बात देश की करें तो 1952 में हुए पहले लोकसभा इलेक्शन में 37 इंडिपेंडेंट कैंडीडेट जीत कर आए जबकि 1957 में इनकी संख्या 42 थी। पर 15 वीं लोकसभा में इनकी संख्या घटकर सिर्फ 9 रह गई।

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in

Posted By: Inextlive