RANCHI :क्या सरकारी स्कूलों के बच्चे डॉक्टर -इंजीनियर बनने के काबिल नहीं हैं? रविवार को जारी जेईई एडवांस के रिजल्ट में 'आकांक्षा -40' के एक भी बच्चे को सफलता नहीं मिली, जबकि प्राइवेट कोचिंग संस्थान की तरह इन बच्चों की तैयारी पर सरकार लाखों रूपए खर्च कर रही है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले इन बच्चों को आकांक्षा-40 में आईआईटी और मेडिकल की तैयारी करायी जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी क्या यहां बच्चों को सरकारी स्कूलों में होने वाली पढ़ाई की तरह ही कोचिंग भी कराई जाती है।

मेन में 20 स्टूडेंट रहे थे सफल

जेईई मेन में आकांक्षा-40 के 40 बच्चे शामिल हुए थे। इसमें 20 ने क्वालिफाई किया था, लेकिन जेईई एडवांस में एक भी स्टूडेंट को सफलता नहीं मिल पाई। आकांक्षा 40 के नोडल पदाधिकारी सह जिला शिक्षा पदाधिकारी रतन महावर ने बताया कि यहां तैयारी तो प्रोफेशनल तरीके से ही करा रहे हैं, लेकिन छात्र सफल क्यों नही हुए, इसकी समीक्षा की जाएगी।

डॉक्टर बनने में भी संशय

नीट - 2018 में आकांक्षा-40 की 35 छात्राएं शामिल हुई थीं। इनमें चार छात्राएं क्वालिफाई हुई हैं, लेकिन उनकी रैंक काफी नीचे है। ऐसे में इसकी संभावना कम ही है कि उन्हें काउंसलिंग के लिए कॉल आए।

83 स्टूडेंट्स को कराई गई थी तैयारी

आकांक्षा-40 के तहत 83 छात्र-छात्राओं को मेडिकल-इंजीनियरिंग की विशेष कोचिंग कराई गई है। इनमें मेडिकल के लिए 41 और इंजीनियरिंग के 42 स्टूडेंट थे। मालूम हो कि राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे मेधावी और गरीब बच्चों कों मेडिकल-इंजीनियरिंग की विशेष तैयारी के लिए आकांक्षा-40 की शुरूआत की गयी है।

नए बैच के लिए एंट्रेंस टेस्ट 7 जुलाई को

आकांक्षा -40 में नए बैच में एडमिशन के लिए 7 जुलाई को एंट्रेंस टेस्ट होगा। इसके लिए झारखंड एकेडमिक काउंसिल की वेबसाइट से स्टूडेंट्स फ ार्म नौ जून से 19 जून तक आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। एडमिट कार्ड 29 जून से डाउनलोड होगा। इसमें वहीं विद्यार्थी भाग लेंगे, जो वार्षिक माध्यमिक परीक्षा- 2018 की परीक्षा में शामिल हुए होंगे। साथ ही झारखंड का मूल या स्थानीय निवासी होना चाहिए। आवेदन प्रपत्र जैक की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

Posted By: Inextlive