करोड़ों की संपत्ति का कोई खरीदार नहीं
दो माह से नीलामी के लिए नहीं मिल रहे आवदेक
38 करोड़ की संपत्तियों के लिए लगी सिर्फ तीन बोली >Meerut। आवास-विकास की योजनाओं में अब जनता भी रुचि नहीं ले रही है। खासतौर पर आवास-विकास के वे कमर्शियल प्लॉट, जो कई सालों से खाली पडे़ हैं। इन प्लॉट को बेचना आवास-विकास के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। नहीं मिल रहे ग्राहक आवास-विकास की मंगलपांडे नगर और माधवपुरम योजना में पिछले कई सालों से कमर्शियल भवन समेत स्कूल, बैंक्वेट हाल और हॉस्पिटल आदि के लिए निर्धारित संपत्ति खाली पड़ी है। इन संपत्तियों के निस्तारण के लिए आवास-विकास ने जुलाई और अगस्त माह में नीलामी प्रक्रिया आयोजित की थी। इसके तहत जुलाई और अगस्त माह में करीब आठ आवेदकों ने ही इन संपत्तियों में रुचि दिखाई, जिसके बाद आवास-विकास ने नीलामी प्रक्रिया को रद कर दिया। करीब 38 करोड़ दांव परमाधवपुरम और मंगलपांडे नगर योजना में करीब 38 करोड़ रूपये की संपत्ति दांव पर लगी है। दो माह पहले नीलामी प्रक्रिया में माधवपुरम की करीब 25 करोड़ की संपत्ति के लिए मात्र एक और मंगलपांडे नगर की 13 करोड़ की कमर्शियल संपत्ति के लिए एक भी बोली नहीं लगी थी। अब इस माह तीसरी बार आवास-विकास नीलामी प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है।
कुछ संपत्तियों के निस्तारण का प्रयास किया जा रहा है। इन संपत्तियों को कई साल से नीलामी में शामिल नहीं किया गया था। अब विभाग खाली संपत्तियों के निस्तारण के तहत इनकी नीलामी करा रहा है। नरेश बाबू, संपत्ति अधिकारी