छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: सरकार के आदेश का उल्लंघन करते हुए कोल्हान विश्वविद्यालय के 95 फीसद पदाधिकारियों ने मुख्यालय (चाईबासा) छोड़ दिया है। इस कारण मार्च का वेतन आवंटन रहते हुए भी नहीं बन पाया। इससे शिक्षकों व कर्मचारियों को परेशानी हो रही है। मुख्यालय में सिर्फ रजिस्ट्रार डॉ। एसएन सिंह ही नजर आ रहे हैं।

मुख्यालय में नहीं पदाधिकारी

वित्त विभाग का एक भी पदाधिकारी मुख्यालय में नहीं है। सरकार के आदेश के मुताबिक मार्च का वेतन जल्द से जल्द देने और किसी के वेतन में कटौती नहीं करना है। लेकिन यहां के स्थायी शिक्षकों, घंटी आधारित शिक्षकों व कर्मचारियों को अब तक वेतन प्राप्त नहीं हुआ है, जबकि कॉलेजों की ओर से सारी अद्यतन जानकारी विश्वविद्यालय को समय पर दे दी गई है। केयू के रजिस्ट्रार की ओर से भी 31 मार्च तक वेतन देने का आदेश निर्गत किया गया था। एबीएम कॉलेज के कर्मियों का फरवरी व मार्च दो माह का वेतन बकाया है। कोल्हान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव राजेंद्र भारती ने भी जल्द वेतन निर्गत करने की मांग की है। उन्होंने घंटी आधारित सभी शिक्षकों को भी मार्च का वेतन देने की मांग की है। सबने ऑनलाइन क्लासेस में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस कारण उन्हें भी वेतन मिलना चाहिए। कोल्हान विश्वविद्यालय के शिक्षकों को मार्च का वेतन सातवें वेतनमान के अनुसार ही मिलेगा। इसके अलावा उन्हें सितंबर 2016 से एरियर भी मार्च माह के वेतन के साथ ही मिलना था।

परीक्षा बोर्ड की बैठक 15 को

कोल्हान विश्वविद्यालय परीक्षा बोर्ड की अत्यावश्यक बैठक 15 अप्रैल को निर्धारित की गई है। इसमें लॉकडाउन के दौरान उत्पन्न हुई स्थिति, परीक्षा संचालन के तरीके तथा रिजल्ट प्रकाशन के तरीके पर मुख्य रूप से विचार विमर्श होगा। इसकी जानकारी विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ। पीके पाणि ने दी।

Posted By: Inextlive