RANCHI : नेशनल अरबन लाइवलीहुड मिशन के तहत अबतक राजधानी में 50 हजार लोगों को स्किल्ड बनाने की ट्रेनिंग दी जा चुकी है, लेकिन इसमें से 500 लोगों का भी प्लेसमेंट नहीं हो पाया। ट्रेनिंग लेने के बाद भी युवाओं के पास कोई काम नहीं है। इतना ही नहीं, प्लेसमेंट बेहतर नहीं होने की वजह से रांची नगर निगम के एनयूएलएम सेक्शन की ओर से ट्रेनिंग भी बंद करा दी गई है। इससे ट्रेनिंग करने वाले भी निराश होकर लौटने लगे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मिशन को अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

सिर्फ इलेक्ट्रिशियन की ट्रेनिंग

एनयूएलएम के तहत शहरी क्षेत्र में लोगों को स्किल्ड बनाकर रोजगार देने की योजना शुरू की गई थी। इसके तहत लगातार कैंप लगाकर और संस्थानों में इंटरेस्टेड लोगों की ट्रेनिंग भी कराई गई। ताकि ट्रेनिंग लेकर वे अपना और अपने परिवार का गुजारा बेहतर ढंग से कर सके। इसमें ब्यूटीशियन, सिलाई, कढ़ाई, घरेलू उद्योग, इलेक्ट्रिशियन के अलावा भी कई अन्य काम शामिल थे। लेकिन, इलेक्ट्रिशियन छोड़ बाकी सभी प्रकार की ट्रेनिंग बंद कर दी गई है।

सरकार खर्च करती है पैसे

टैलेंटेड लोगों को एक प्लेटफार्म के माध्यम से काम दिलाने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। इसके लिए सरकार लाखों रुपए खर्च करती है। ट्रेनिंग देने वाले फर्म को इसके लिए भुगतान भी किया जाता है। इतना ही नहीं, ट्रेनिंग के लिए वैसी कंपनियों को चुना जाता है जिसका सर्टिफिकेट वैलिड हो। जिसे दिखाने पर ट्रेंड व्यक्ति को अच्छी जगह पर काम मिल सके।

वर्जन

ऐसी कोई जानकारी फिलहाल मुझे नहीं है। एनयूएलएम के तहत ट्रेनिंग क्यों बंद की गई है, इसकी जानकारी ली जाएगी। आखिर किस स्थिति में ट्रेनिंग बंद कर दी गई है। संबंधित अधिकारियों से पूछताछ के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

-डॉ। शांतनु कुमार अग्रहरि, नगर आयुक्त, आरएमसी

Posted By: Inextlive