-एमडीए की बोर्ड बैठक में ब्याज दरों को घटाने का प्रस्ताव टला

-न्यू ट्रांसपोर्ट नगर पर फिर होगा सर्वे, एसटीपी की लागत अदा करेगी जनता

Meerut : विकास की बाट जोह रहे शहरवासियों को अब लंबा इंतजार करना पड़ेगा, वहीं ब्याज दरों में राहत की उम्मीद बांधे आवंटियों को भी मायूसी मिली है। शुक्रवार प्राधिकरण की 114वीं बोर्ड बैठक में 19 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। जिसमें शहर के विकास के साथ-साथ जाम से निजात दिलाने के लिए न्यू ट्रांसपोर्ट नगर का प्रस्ताव शमिल था। बोर्ड बैठक में ज्यादातर प्रस्तावों पर मेरठ विकास प्राधिकरण अध्यक्ष/कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने दोबारा सर्वे कराने और जांच-पड़ताल के ही निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण सचिव प्रवीणा अग्रवाल ने बैठक के बाद मीडिया को ब्रीफ किया।

श्रद्धापुरी में मिलेगा पजेशन

प्राधिकरण सभागार में आयोजित बोर्ड की 114वीं बैठक में प्राधिकरण की वित्तीय वर्ष 2018-19 की बैलेंस शीट को रखा गया। कमिश्नर ने आदेश दिए कि इस बैलेंस शीट को कंट्रोलर एंड ऑडीटर जनरल ऑफ इंडिया (कैग) को भेजने के निर्देश दिए। साथ ही आदेश दिए कि कैग के द्वारा बैलेंस शीट के संबंध में जो भी नोट पुटअप किए जाएं, उनके संबंध में तत्काल जानकारी केंद्रीय एजेंसी को मुहैया कराई जाए। श्रद्धापुरी फेस फ‌र्स्ट आवासीय योजना के सेक्टर 7 के ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के 96 फ्लैट्स पर अब आवंटियों को कब्जा मिल सकेगा। आवंटी द्वारा फ्लैट की कीमत का 40 प्रतिशत जमा करने पर अब पजेशन दे दिया जाएगा। इससे योजना के आवंटियों को बड़ी राहत मिलने वाली है।

कम्पाउंडिंग पर नया कानून

प्राधिकरण बोर्ड बैठक में अवैध निर्माणों के प्रभावी नियंत्रण के लिए कम्पाउंडिंग पर नए कानून को मंजूरी मिल गई है। अब तक एप्रूव्ड नक्शे से 10 प्रतिशत तक अधिक निर्माण पर कम्पाउंडिंग का प्रावधान था। जबकि नए प्रावधान के तहत 10 प्रतिशत से अतिरिक्त 5 प्रतिशत अवैध निर्माण होने पर निर्माणकर्ता को तब तक संशोधित नक्शा जारी किया जाएगा जब तब वो प्राधिकरण की शर्तो को पूरा नहीं करेगा। नई शर्त के तहत निर्माणकर्ता को अब शपथपत्र देना होगा कि वो 3 माह में अवैध निर्माण को ध्वस्त कर लेगा, इसके साथ ही अवैध निर्माण के क्षेत्रफल के लिए सर्किल रेट्स के मुताबिक धनराशि प्राधिकरण में बतौर गारंटी जमा रहेगी। यदि 3 माह में अवैध निर्माण को ध्वस्त कर निर्माणकर्ता नक्शा एप्रूवल कराने नहीं आता तो प्राधिकरण गारंटी अमाउंट को जब्त लेगा।

ग्रे वाटर मैनेजमेंट को मंजूरी

5 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैली ग्रु्रप हाउसिंग, कॉलोनी, सरकारी, प्राइवेट इमारत को अब प्राधिकरण इसी शर्त पर मंजूरी देगा जब प्रोजेक्ट में डुअल पाइप वाटर सिस्टम स्थापित होगा। प्राधिकरण सचिव ने बताया कि इस सिस्टम के तहत किसी भी निर्माण का किचन, रेन वाटर (ग्रे वाटर) को परिसर में अंडरग्राउंड गड्ढे में स्टोर किया जाएगा। जबकि बाथरूम के डिस्चार्ज (ब्लैक वाटर) को सीवर लाइन के माध्यम से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। ग्रे वाटर को घर के गार्डन की सिचाई, कार वाशिंग, कपड़ा धुलने, पार्क आदि की सिंचाई के लिए प्रयोग में लाया जाएगा। जबकि ब्लैक वाटर ट्रीटमेंट के बाद एरीगेशन के लिए प्रयोग में आएगा.्र

दिव्यांग पार्क बनेगा

नगर निगम के किसी पार्क को दिव्यांगों के लिए डेडीकेटेड पार्क के तौर पर विकसित किया जाएगा। बोर्ड बैठक ने प्राधिकरण के इस प्रस्ताव की सराहना करते हुए कहा कि नगर निगम के साथ प्राधिकरण पार्क का चयन कर प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दे। एमडीए उज्जैन की तर्ज पर मेरठ में डेडीकेटेड पार्क की स्थापना की जाएगी। प्राधिकरण के अधिकारियों की एक टीम इस संबंध में उज्जैन का दौरा करेगी।

न्यू ट्रांसपोर्ट नगर भी अटका

शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर शिफ्टिंग की योजना भी अब अधर में फंस गई है। फिलहाल प्राधिकरण पांचली खुर्द में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर को डेवलप करने के प्लान को रोककर रखेगा। एक सर्वे के मुताबिक अधिग्रहण के बाद प्राधिकरण ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को योजना में 31 हजार प्रतिवर्ग मीटर की दर से प्लाट आवंटित कर सकता है। जबकि इन रेट्स पर कोई ट्रांसपोर्ट कारोबारी शिफ्ट करेगा, इसकी संभावनाएं न के बराबर हैं।

ब्याज में फिलहाल माफी नहीं

एमडीए के ब्याज माफी के प्रस्ताव को भी कमिश्नर ने फिलहाल मार्च तक टाल दिया। बोर्ड बैठक में एमडीए ने कॉमर्शियल संपत्तियों पर सामान्य ब्याज की दर को 13 प्रतिशत से घटाकर 11 प्रतिशत करने और दंड ब्याज की दर 16 प्रतिशत से घटाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष रखा था। बता दें कि ब्याज दरें अधिक होने से प्राधिकरण का आवंटियों पर करोड़ों रुपए बकाया है।

देना होगा एसटीपी खर्च

एमडीए के एसटीपी का प्रयोग करने वाले प्राइवेट डेवलपर को अब वन टाइम एसटीपी चार्ज देना होगा। यह धनराशि 193.33 रुपए प्रति वर्ग मीटर है। प्राधिकरण ने कहा कि एसटीपी के संचालन में हर माह 55 लाख रुपए की बिजली खर्च हो रही है, जबकि मेंटीनेंस चार्ज भी समय से नहीं मिल रहा है।

ये रहे मौजूद

बैठक में डीएम अनिल ढींगरा, एमडीए उपाध्यक्ष राजेश कुमार पाण्डेय, सचिव प्रवीणा अग्रवाल, नगरायुक्त अरविंद कुमार चौरसिया समेत प्राधिकरण अधिकारी मौजूद थे।

Posted By: Inextlive