RANCHI: अगर आप स्ट्रीट फूड वैन में खाना खाने जा रहे हैं तो अलर्ट हो जाएं। क्योंकि इन फूड वैन में बन रहे जायकेदार खानों के पीछे डुप्लीकेट मसाले और आयॅल का तड़का है, जो आपकी सेहत को काफी नुकसान पहुंचा रहा है। वहीं सबसे खतरनाक यहां इस्तेमाल होने वाला अजिनोमोटो है, उसमें भी नकली अजिनोमोटो का इस्तेमाल तो खतरे से खाली नहीं है। डॉक्टर्स का कहना है कि यह खाना खाने के बाद पेट की कई शिकायतें हो सकती हैं, जो आगे चलकर गंभीर बीमारी का भी रूप ले सकती हैं। ऐसे में पैसे खर्च कर बीमारी खरीदना अच्छी बात नहीं है।

बगैर लाइसेंस सैकड़ों फूड वैन

सिटी में अचानक से स्ट्रीट फूड वैन का चलन बढ़ गया है। मोरहाबादी, लालपुर, ईस्ट जेल रोड, न्यूक्लियस मॉल, डोरंडा, हरमू आदि स्थानों में बड़ी संख्या में स्ट्रीट फूड वैन लग रहे हैं, जहां खासकर यंगस्टर्स की भीड़ लग रहती है। आश्चर्य इन स्ट्रीट फूड वैन लगाने वालों के पास नगर निगम का लाइसेंस नहीं है। इतना ही नहीं, इन वैन संचालकों के पास न तो फूड कंट्रोल से कोई परमिट है और न ही हेल्थ डिपार्टमेंट का कोई सर्टिफिकेट। लेकिन ये फूड संचालक खुलेआम सभी नियम कायदों को ताक पर रख कर लोगों को अन हाइजेनिक खाना परोस रहे हैं। नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर इस दिशा में न तो कोई कार्रवाई की जा रही है और न किसी प्रकार की जांच ही होती है। पड़ताल करने पर पता चला कि एक भी फूड वैन मालिक के पास लाइसेंस नहीं है।

नगर निगम बना बेपरवाह

फूड वैन लगाने के लिए नगर निगम से लाइसेंस लेना होता है। इसके लिए गाड़ी के कागज और संचालक का आधार कार्ड, फोटो आदि जमा करना होता है। लेकिन किसी भी फूड वैन मालिक के पास गाड़ी के कागज नहीं हैं। अधिकतर गाडि़यां पुरानी और कबाड़ होती हैं, गाड़ी का नंबर भी नहीं होता। वहीं इंश्योरेंस पेपर, ओनर बुक नहीं होने के कारण ये लोग आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। गाडी मालिकों से बात करने पर पता चला कि वे लोग लाइसेंस लेना तो चाहते हैं लेकिन नगर निगम की प्रकिया जटिल होने के कारण लाइसेंस नहीं ले पा रहे।

फ्री चाऊमीन-चिल्ली खाकर जांच टीम संतुष्ट

फूड वैन लगाने के लिए नगर निगम से लाइसेंस लेना होता है। इसके लिए सालाना पांच हजार रुपए जमा करने होते हैं। वहीं पार्किंग शुल्क के नाम पर हर महीने पांच हजार और सफाई के लिए पांच सौ रुपए निर्धारित किया गया है। लेकिन लाइसेंस नहीं होते हुए भी ये दुकानदार आसानी से अपनी दुकान का संचालन कर रहे हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक दुकानदार ने बताया कि नगर निगम से टीम जांच के लिए आती है लेकिन फ्री में चाऊमीन-चिल्ली खिला कर सेट कर दिया जाता है।

ईस्ट जेल रोड में वसूली करा रहा नगर निगम

ईस्ट जेल रोड में प्रति फूड वैन वाले से हर दिन तीन सौ रुपए वसूला जा रहा है। यह वसूली टेंडर लेने वाले ठेकदार भैरव सिंह की ओर से की जाती है। स्टॉफ ने बताया कि ईस्ट जेल रोड फूड वैन लगाने के एवज में पार्किंग वसूली के लिए टेंडर निकाला गया था, जिसे ठेकेदार ने 45 लाख रुपए में हासिल किया है। इसके बाद यहां प्रतिदिन तीन सौ रुपए लिया जा रहा है। वहीं दुकानदारों ने बताया कि टेंडर होने के बाद फूड वैन की संख्या और बढ़ गई है, जो भी आता है भैरव सिंह द्वारा उसे स्थान उपलब्ध करा दिया जाता है।

क्या कहते है लोग

फूड वैन में खाना टेस्टी मिलता है और बजट में भी होता है। इसलिए खाने आते हैं। लेकिन यहां किस प्रकार के मसाले का इस्तेमाल हो रहा है, इसकी कोई जानकारी नहीं है।

-सौरभ कुमार

यहां साफ-सफाई का भी ख्याल नहीं रखा जाता और खाना अन हाइजेनिक भी मिलता है। लेकिन बच्चों की जिद के कारण आना पड़ता है।

-पूनम देवी

क्या कहते हैं डॉक्टर

स्ट्रीट फूड वैन में खाना बिल्कुल नहीं खाना नहीं चाहिए। यहां तेल से लेकर सॉस, मसाले सभी नकली इस्तेमाल किए जाते हैं। यह अन हाइजेनिक होता है। साफ-सफाई भी नहीं रहती है। यहां खाने से कई तरह की पेट की शिकायत हो सकती है, जो आगे चल कर बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है।

-डॉ बीएन शर्मा, एमबीबीएस

वर्जन

सभी फूड वैन संचालकों को नगर निगम की ओर से नोटिस भेजा गया है। जल्द से जल्द उन्हें कागजात जमा करके लाइसेंस लेने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर फूड वैन जब्त की ली जाएगी।

-सौरव कुमार, बाजार शाखा प्रभारी, रांची नगर निगम

Posted By: Inextlive