- हिंदपीढ़ी में स्क्रीनिंग करने गई टीम को भी नहीं मिला किट

-मस्जिद में मिले लोगों की करने गए थे जांच

- बिना मास्क और किट के ही खेलगांव गए थे केयर के लिए

- 14 दिन के क्वारेंटाइन में रखा गया है सभी को

- अब क्वारेंटाइन में भी झेल रहे आफत, खाने की दिक्कत

कोरोना का एक मरीज हिंदपीढ़ी में मिलने के बाद बाकी सस्पेक्टेड लोगों की स्क्त्रीनिंग के लिए हेल्थ वर्कर्स को लगाया गया है। लेकिन उनकी सुरक्षा को लेकर विभाग गंभीर नहीं है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्क्त्रीनिंग कर रही नर्सो को एक मास्क तक उपलब्ध नहीं कराया गया है। ऐसे में वे लोग अपने दुपट्टे से नाक-मुंह ढंककर ड्यूटी पर तैनात हैं। वहीं लगातार घर-घर जाकर लोगों की स्क्त्रीनिंग कर रही हैं। ऐसे में किसी को इंफेक्शन हो जाए तो उसकी जिम्मेवारी कौन लेगा।

नहीं मिला किट

पॉजीटिव केस मिलने के बाद पूरे इलाके को सैनिटाइज किया जा रहा है। वहीं हर घर में लोगों की तलाश की जा रही है जो लोग उस महिला के संपर्क में आए थे। ऐसे में हेल्थ वर्कर्स को भी मास्क, ग्लव्स और गाउन दिया जाना चाहिए था। जिससे कि उन्हें किसी तरह के इंफेक्शन का डर न हो। इसके बावजूद स्क्त्रीनिंग के दूसरे दिन भी उन्हें कोई किट नहीं दिया गया है। ऐसे में हेल्थ वर्कर्स को भी इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं उन्हें इंफेक्शन न हो जाए।

पॉजीटिव केस के बाद उड़े होश

हिंदपीढ़ी में चार दिन पहले मस्जिद में छिपे हुए 24 लोगों को निकाला गया था। इसके बाद सभी को खेलगांव में क्वारेंटाइन किया गया। वहीं उनकी देखभाल के लिए 8 एएनएम और एक हेल्थ वर्कर को रखा गया था। इसके अलावा एक एंबुलेंस को भी तैनात रखा गया था ताकि किसी की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया जा सके। लेकिन ड्यूटी कर रहे हेल्थ स्टाफ्स को न तो एन 95 मास्क दिया गया और न ही कोई किट। इसके बावजूद वो बिना किसी की परवाह किए देखभाल में लगे रहे। लेकिन जैसे ही एक मरीज के पॉजीटिव होने की पुष्टि हुई तो सभी के होश उड़ गए। अब उन्हें अनगड़ा में क्वारेंटाइन किया गया है।

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क्वारेंटाइन में भी हेल्थ वर्कर्स की अनदेखी

10 हेल्थ वर्कर्स पहले महादेवी बिड़ला में ड्यूटी पर थे। जहां पर पहले से ही कुछ लोगों को क्वारेंटाइन किया गया था। इसके बाद उन्हें खेलगांव में ड्यूटी पर लगा दिया गया। आज बिना किसी सुरक्षा के काम करने का वे खामियाजा भुगत रही हैं। वहीं अनगड़ा पीएचसी में क्वारेंटाइन के दौरान उनकी परेशानी बढ़ गई है। उन्हें ढंग का मास्क और खाना भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। वहीं अधिकारी उनका हालचाल लेने भी नहीं गए है। नतीजन, क्वारेंटाइन में पड़े हेल्थ वर्कर्स में आक्त्रोश बढ़ गया है।

Posted By: Inextlive