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JAMSHEDPUR: लौहनगरी में स्कूली बच्चों की सुरक्षा से लगातार खिलवाड़ हो रहा है। स्कूली ऑटो और वैन चालकों की मनमानी का खामियाजा बच्चों चुकाना पड़ रहा है। बुधवार को गोलमुरी निवासी नौ वर्षीय अभिजीत की स्कूली ऑटो का सेफ्टी रॉड खुलने से गिरकर मौत हो गई थी। गुरुवार को एमजीएम थाना क्षेत्र की छात्रा के साथ बुजुर्ग वैन ड्राइवर ने छेड़खानी की। इन घटनाओं के बाद भी न तो प्रशासन और न ही अभिभावकों की नींद खुली।

हादसे को दावत दे रहे स्कूली वैन

शहर में स्कूल बस, वैन के साथ ही बड़ी संख्या में टेंपो चालक बच्चों को स्कूल लाते-ले जाते हैं। इनमें सेफ्टी जाली, रॉड, अग्निशमन यंत्र और बच्चों के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के बाद भी बच्चों को ठूस-ठूसकर बैठाया जा रहा है।

पुलिस का अभियान फेल

शहर में टेंपो की अराजकता पर लगाम लगाने के लिए सिटी एसपी प्रभात कुमार ने अभियान चलाकर कार्रवाई की थी। अभियान के लगातार चलने से शहर में बिना लाइसेंस और फिटनेस के वाहन दौड़ा रहे टेंपो चालकों पर लगाम तो लगी थी। लेकिन टेंपो एसोसिएशन के हो-हंगामे के बाद अभियान फेल हो गया। इसके कारण टेंपो चालक पुराने ढर्रे पर आ गये हैं। जिसके बाद टेंपो की अराजकता शुरू हो गई है।

डीसी का आदेश बेअसर

शहर में अभिभावक संघ ने डीसी को ज्ञापन देकर स्कूलों से बस चलाने का आदेश देने की मांग की थी। डीसी अमित कुमार ने स्कूलों के डायरेक्टरों के साथ वार्ता कर शहर भर के स्कूलों को बस चलाने का आदेश दिया था। जिसके बाद स्कूलों ने तीन माह का समय मांगा था। लेकिन तीन माह बाद भी अभी स्कूलों ने बसे नहीं चलाई हैं। डीसी के आदेश के बाद अभी तक शहर में बसें नहीं चलाई गई हैं।

बिना मानक के चल रहीं स्कूली वैन

शहर में स्कूली बच्चों को लाने ले जाने वाली वैन बिना मानक के दौड़ रही है। बता दे कि स्कूली वाहनों के संचालन के लिए डीटीओं से परमिट लेना पड़ता है। जिसमें छात्रों की सुरक्षा के लिहाज से खिड़की पर जाली, अग्निशमन यंत्र, चालक खिड़की पर चालक का नाम मोबाइल नंबर, लाइसेंस नंबर, पता अंकित होना चाहिये। जिस वाहन में स्कूली बच्चे हो उसमें बाहर स्कूल वैन या सावधान बच्चे हैं ऐसा अंकित होना चाहिए। शहर में 50 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों को स्कूल लाने ले जाने का काम स्कूली वैन व ऑटो चालक ही करते हैं।

सुरक्षा से अभिभावक कर रहे समझौता

बच्चों की सुरक्षा के सबसे बड़े जिम्मेदार अभिभावक है। पैसा बचाने के चक्कर में अभिभावक बच्चों को वैन के स्थान पर टेंपो से ही भेज देते हैं। चालक भी बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ करते हैं। इसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।

बच्चों की सुरक्षा के लिए माता-पिता को ही जागरूक होना पड़ेगा।

-उमेश कुमार, अध्यक्ष, जमशेदपुर अभिभावक संघ

इन घटनाओं से नहीं लिया सबक

17 नवंबर 2017-परसुडीह के गोविंदपुर में पहली कक्षा की छात्रा के साथ स्कूली ऑटो संजीत कुमारअश्लील हरकत करता था। अश्लील वीडियो दिखाता था। जानकारी के बाद परिजनों ने चालक की जमकर पिटाई की थी। आरोपित को जेल भेजा गया था।

16 मई 2016- को सोनारी थाना क्षेत्र में एक मामला सामने आया। दुष्कर्म करने की धमकी देकर एक स्कूली वैन चालक छह माह से अपनी बेटी की उम्र की छात्रा का यौन शोषण करता रहा। सभी बच्चियों को घर छोड़ने के बाद दस वर्षीय बच्ची को सुनसान स्थान पर ले जाकर यौन शोषण करता था। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को जेल भेजा।

4 अगस्त 2016-कदमा इलाके की हाई स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा के साथ टेम्पो चालक अश्लील हरकत करता था। विरोध पर जान से मारने की धमकी देता था। आरोपी के खिलाफ कदमा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

9 अगस्त 2015 - साकची थाना क्षेत्र में बस में सवार तीन तीन छात्राओं को अकेला पाकर बस ड्राइवर व कंडक्टर ने दोस्तों के साथ मिलकर छेड़खानी शुरू कर दी। इन दरिंदों से बचने के लिए छात्राओं ने बस से छलांग लगा दी थी, जिसमें वे गंभीर रूप से जख्मी हो गई थीं।

Posted By: Inextlive