- सिम्यूलेटर पर नहीं अब कार चलाकर ही लिया जाएगा ड्राइविंग टेस्ट

- वीडियो गेम एक्सपर्ट ले रहे थे फायदा, आसानी से हो रहे थे पास

- अब झाझरा जाना होगा ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए

देहरादून, परिवहन विभाग ने फोर व्हीलर के लाइसेंस के लिए सिम्यूलेटर टेस्ट की व्यवस्था खत्म कर दी है। इसकी जगह अब लाइसेंस के लिए ड्राइविंग टेस्ट कार चलाकर ही लिया जाएगा। दरअसल वीडियो गेम के एक्सपर्ट को सिम्यूलेटर पर लाभ मिल रहा था, कार ड्राइविंग न आने पर भी वे सिम्यूलेटर पर आसानी से टेस्ट पास कर लेते थे और उनका लाइसेंस जारी हो जाता था। अब ड्राइविंग टेस्ट के लिए दूनाइट्स को आरटीओ ऑफिस से करीब 20 किलोमीटर दूर झाझरा जाकर टेस्ट देना होगा।

अब कार चलाकर दिखाओ, लाइसेंस पाओ

रोड सेफ्टी को देखते हुए परिवहन विभाग ने अब परफेक्ट ड््राइविंग जानने वाले को ही लाइसेंस जारी करने का फैसला लिया है। इसी फैसले के तहत सिम्यूलेटर पर टेस्ट लेने की व्यवस्था खत्म कर दी है। फोर व्हीलर का डीएल एप्लाई करने वालों को अब झाझरा स्थित परिवहन विभाग के ड्राइविंग ट्रैक पर कार चलाकर दिखाना होगा। इसके बाद ही विभाग द्वारा उन्हें परमानेंट लाइसेंस जारी किया जाएगा।

वीडियो गेम एक्सप‌र्ट्स की नहीं चलेगी ट्रिक

दरअसल अभी तक परिवहन विभाग द्वारा राजपुर रोड स्थित ऑफिस में ही सिम्यूलेटर टेस्ट लेने के बाद लाइसेंस जारी किए जा रहे थे। लेकिन, इसमें एक बड़ी खामी देखने में आई। वीडियो गेम के एक्सप‌र्ट्स सिम्यूलेटर टेस्ट में आसानी से पास हो जाते थे, जबकि उन्हें प्रॉपर तरीके से कार ड्राइविंग भी नहीं आती थी। ऐसे में सिम्यूलेटर टेस्ट और रोड सेफ्टी पर ही सवाल खड़े होने लगे थे। अब ऐसा नहीं होगा और वीडियो गेम वाली ट्रिक काम नहीं आएगी।

सिम्यूलेटर टेस्ट से बने 30 हजार लाइसेंस

परिवहन विभाग द्वारा 2 वर्ष पहले ड्राइविंग टेस्ट के लिए सिम्यूलेटर की व्यवस्था शुरू की गई थी। इस समयांतराल में विभाग द्वारा फोर व्हीलर के करीब 30 हजार लाइसेंस जारी किए गए। जाहिर है इनमें से कई लोग वीडियो गेम ट्रिक से पास हुए भी थे। हालांकि, ऐसे लोगों को चिन्हित करने का विभाग के पास कोई उपाय नहीं है।

ड्राइविंग टेस्ट के लिए 20 किमी का फेर

झाझरा स्थित ड्राइविंग ट्रैक की दूरी परिवहन विभाग ऑफिस से करीब 20 किलोमीटर है। ऐसे में लोगों को अब 20 किलोमीटर एक्स्ट्रा जाना होगा। साथ ही ज्यादा टाइम भी कंज्यूम होगा। एक और दिक्कत है, ड्राइविंग ट्रैक तक पहुंचने के लिए करीब 4 किलोमीटर के दायरे में कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट की फैसिलिटी नहीं है। जिसके पास अपने वाहन नहीं होंगे उन्हें ये दूरी पैदल तय करनी होगी।

एआरटीओ ऑफिसेज में भी बनेगा ट्रैक

परिवहन विभाग की ओर से यह भी फैसला लिया गया है कि ड्राइविंग टेस्ट लेने के लिए सभी एआरटीओ ऑफिसेज में भी ट्रैक बनाया जाएगा। जिले के विकासनगर, ऋषिकेश में ट्रैक निर्माण को लेकर तैयारियां शुरू की गई हैं, हालांकि फिलहाल इन्हें भी डीएल के लिए टेस्ट देने को झाझरा ही आना होगा।

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रोड सेफ्टी को पुख्ता करने के लिए सिम्युलेटर टेस्ट खत्म कर दिया गया है अब लाइसेंस आवेदनकर्ता को झाझरा ट्रेनिंग सेंटर आना होगा। एप्लीकेंट खुद का वाहन भी टेस्ट के लिए ला सकते हैं। कार चलाकर दिखानी होगी, तभी परमानेंट लाइसेंस जारी किया जाएगा, जिसके लिए फीस काउंटर भी झाझरा में ही बनाया गया है।

अरविन्द पांडे, एआरटीओ (प्रवर्तन)

Posted By: Inextlive