- डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में हुई बैठक में उठाया गया है सवाल

- संपुष्टि नहीं होने की वजह से वित्तीय अनियमितता में फंस सकता है सारा मामला

- मेयर व स्टैंडिंग कमेटी ने कहा कि हाईकोर्ट ने प्रक्रिया पर उठाया सवाल

PATNA : पिछले डेढ़ साल में ऐसा कोई भी काम नहीं हो पाया है जिसके बारे में कहा जाए कि नगर निगम पटना को पेरिस बनाने की दिशा में काम कर रही थी। लेकिन इस बीच डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में हुई मीटिंग के बाद ऐसी कुछ संभावना बनी कि अब जल्द ही पटना का फ्यूचर बदल जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। कचरा प्रबंधन को लेकर जितने भी कदम बढ़ाए गए, वो सब के सब पीछे कर लिए गए है। क्योंकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद से डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में हुई मीटिंग पर सवाल उठाया गया था लेकिन उसके अंदर लिए गए डिसीजन पर सवाल नहीं था। मामला संपुष्टि को लेकर फंसा हुआ है। अगर पैसा निकलता है तो वो वित्तीय अनियमितता के कटघरे में आ जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जो भी फैसला लिया गया है। उसकी संपुष्टि नहीं करवाई गई है। संपुष्टि का मतलब होता है कि एक बार फिर से उसे बोर्ड में लाया जाए लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो पाया है।

परेशानी अभी दूर होने वाली नहीं

इस बैठक के बाद यह भरोसा था कि अब डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में कचरा प्रबंधन पर लिया गया फैसला जल्द अमल में लाया जाएगा, लेकिन ऐसा अब नहीं दिख रहा है। हालत तो यह हो गया है कि अगर इस दिशा में एक्शन लिया जाता है तो फिर सवाल खड़ा हो सकता है। स्टैंडिंग कमेटी मेंबर आभा लता ने बताया कि किसी भी एजेंडा की संपुष्टि जरूरी है। वहीं हाईकोर्ट ने इस तरह की बैठक पर ही सवाल खड़ा कर दिया है और कहा कि जब तक मेयर नियम संगत हैं तब तक कोई भी इस तरह की बैठक नहीं कर सकते हैं।

तब कचरा पहुंचता रामजीचक बैरिया

फिलहाल शहर का कचरा जैसे-तैसे इधर स्टॉक कर रखा जाता है या फिर एनएच के दोनों किनारे पर ही गिरा दिया जाता है लेकिन कचरा प्रबंधन लागू होने और इस दिशा में काम शुरू होते ही घर के कचरे को सिस्टमेटिक तरीके से रामजीचक बैरिया में लाया जाता और वहां पर उसे साइंटिफिक तरीके से ट्रीट करके समाप्त किया जाता मगर ऐसा अब तक नहीं हो पा रहा है।

Posted By: Inextlive