न वार्ड न डॉक्टर, कैसे होगा इलाज
डेंगू के एक, मलेरिया के 28 मरीज पॉजिटिव मिले
-शहर के सबसे बड़े स्वास्थ्य केन्द्र में नहीं बना वार्डआगरा। मानसून अपने पूरे प्रभाव पर है। ऐसे में संक्रामक बीमारियां भी शहर में पैर पसारने लगी हैं। डेंगू, मलेरिया के मरीज अस्पतालों में आए दिन बढ़ रहे हैं। एक सप्ताह से अधिक दिनों तक बुखार आने पर मरीजों के खून की जांच कराई जा रही है। मरीजों की संख्या बढ़ने के बावजूद एसएन मेडिकल कॉलेज में अभी तक डेंगू एवं मलेरिया वार्ड नहीं बनाया गया है। मरीजों में पुष्टि होने के बाद भी उन्हें अन्य मरीजों के साथ ही भर्ती किया जा रहा है। बता दें कि एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में मरम्मत कार्य चल रहा है, जिससे मरीजों का मरम्मत कार्य के बीच ही इलाज किया जा रहा है। संक्रामक रोग के चलते न ही मरीजों के लिए अभी तक कोई वार्ड बनाया गया है न ही कोई डॉक्टर की टीम गठित की गई है।
नही बनाया गया कोई स्पेशल वार्डएसएन मेडिकल कॉलेज में रोजाना मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है लेकिन अभी तक कोई स्पेशल वार्ड नहीं बनाया गया है। माइक्रोबॉयोलॉजी में अभी तक करीब 300 से अधिक मरीजों की डेंगू की जांच हो चुकी है। इनमें से एक मरीज में डेंगू भी पॉजिटिव पाया गया है। इन सबके बावजूद अभी तक मरीजों को भर्ती करने के लिए स्वास्थ्य केन्द्र एसएन मेडिकल कॉलेज के पास कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है।
इमरजेंसी में चल रहा है मरम्मत कार्य इमरजेंसी में संक्रामक रोग का वार्ड बनाया जाता है। लेकिन, इस बार इमरजेंसी में अभी तक कोई वार्ड नहीं बनाया गया है। ऐसे में अगर किसी मरीज में डेंगू की पुष्टि होती है तो उसके लिए कोई सुरक्षित वार्ड नहीं बनाया गया है। 300 से अधिक मरीजों की हो चुकी है डेंगू की जांच एसएन मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबॉयोलॉजी की एचओडी आरती अग्रवाल ने बताया कि इस सीजन में अभी तक करीब तीन सौ से अधिक मरीजों की डेंगू की जांच कराई जा चुकी है। वहीं मलेरिया के हर दिन 15 से 20 लोगों की जांचें हो रही हैं, जिसमें 21 लोगों में मलेरिया की पुष्टि भी हुई है। स्वाइन फ्लू के मरीज भी संदिग्ध पाए जाने पर उनकी जांचें की गई थी, लेकिन अभी किसी भी मरीज में स्वाइल फ्लू पॉजिटिव नहीं मिला है। वहीं एक मरीज में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। डेंगू एवं मलेरिया से बचने के उपाय -मच्छर प्रतिरोधक का इस्तेमाल करे -पूरी बाजू की शर्ट और पेंट पहने-दरवाजे एवं खिड़की पर मच्छर जाली लगी हो
-बर्तनों में पानी को इकट्ठा न होने दें -नालियों में उचित सफाई करवाते रहें मलेरिया के लक्षण -गंभीर मलेरिया के लक्षणों में बुखार और ठंड लगना -बुखार, सिर दर्द और उल्टी -बुखार कम होने पर तेज पसीना और थकान -डायरिया -सांस लेने में तकलीफ -बेहोशी जैसी स्थिति होना -गहरी सांस लेने में तकलीफ होना डेंगू के लक्षण -सिर दर्द, जोड़ो में दर्द और त्वचा का खराब हो जाना -डेंगू के लक्षण 3 से 14 दिन बाद दिखने शुरू होते हैं -तेज ठंड लगकर बुखार आना -शरीर और जोड़ो में दर्द होना -भूख कम लगना -जी मचलाना, उल्टी और दस्त होना संदिग्ध मरीजों की रोजाना जांचें विभाग में की जा रही हैं। अभी तक डेंगू की 300 से अधिक जांचें हो चुकी हैं। वहीं मलेरिया के करीब 15 मरीजों की रोजाना जांच हो रही है। डॉ। आरती अग्रवाल, एचओडी, माइक्रोबॉयोलॉजी, एसएन मेडिकल कॉलेज लोगों को संक्रामक रोगों से बचाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। सभी अस्पतालों में डेंगू, मलेरिया मरीजों पर विशेष ध्यान रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं। संदिग्ध पाए जाने पर जांचें की जा रही हैं। डॉ। मुकेश वत्स, सीएमओ, स्वास्थ्य विभाग