वीडीए को शुल्क देकर आवासीय से व्यावसायिक में तब्दील करवा सकेंगे मकान

-आवासीय कॉलोनियों में धड़ल्ले से चल रही व्यावसायिक गतिविधियों को नियमित करने की कवायद

vinod.sharma@inext.co.in

VARANASI

अगर आप ने अपने घर में दुकान खोल रखा है और शुल्क न देने की वजह से सरकारी विभागों द्वारा परेशान होना पड़ता है तो यह खबर आपके लिए है। वीडीए शहर के तमाम इलाकों में मकानों में चल रही दुकानों को सील करने की जगह अब शुल्क वसूलने की तैयारी कर रहा है। वीडीए की ओर से मकान का उपयोग आवासीय से व्यावसायिक में तब्दील करवाए जाने तक शुल्क वसूला जाएगा। इस संबंध में शासन से प्रस्ताव मिलने के बाद वीडीए ने अपनी प्लानिंग शुरू कर दी है।

लखनऊ में हुई चर्चा

लखनऊ में कुछ दिन पहले सभी विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद की समीक्षा बैठक हुई थी। इसमें मकान में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद इस संबंध में शासन ने वाराणसी विकास प्राधिकरण को प्रस्ताव भेजा है। यह सारी कवायद प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति सुधारने के प्रयास का हिस्सा है। समीक्षा बैठक के बाद जारी निर्देश के मुताबिक जिन आवासीय इलाकों में कमर्शियल गतिविधियां चल रही हैं वहां भू-उपयोग बदलने तक भवन स्वामियों से फाइन, पेनाल्टी या मासिक फीस वसूली जाएगी। यह नियम ऐसे भवनों पर लागू किया जाएगा जो 18 मीटर से 30 मीटर चौड़ी सड़कों के सामने बने होंगे। सबसे ज्यादा कमर्शियल गतिविधियां ऐसे ही भवनों में होती हैं। ऐसे मामलों में अब तक सीलिंग की कार्रवाई की जाती है।

करना होगा आवेदन

शहर के जिन इलाकों और कॉलोनी की सड़क 18 मीटर से 30 मीटर चौड़ी होगी, उन्हीं जगहों पर नया प्रस्ताव लागू होगा। इन क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियां चलाने वाले मकान मालिक को वीडीए द्वारा निर्धारित मासिक फीस जमा करने के साथ ही भू उपयोग बदलने के लिए आवेदन करना होगा। यह सारी प्रक्रिया ऑनलाइन करनी होगी। वीडीए से स्वीकृति मिलने तक मकान मालिक को मासिक शुल्क जमा करना होगा।

अवैध निर्माण बढ़ने की आशंका

तमाम अभियानों के बावजूद शहर में बढ़ते अवैध निर्माण रोकने में वीडीए असफल साबित हो रहा है। ऐसे में नया नियम आने से अवैध निर्माण और बढ़ने की आशंका है। अब तक भू-उपयोग बदलवाना काफी मुश्किल होता है। हालांकि मासिक शुल्क का नियम लागू होने पर कोई भी मनमाने तरीके से आवासीय प्लॉट या भवन का व्यावसायिक इस्तेमाल शुरू कर देगा और भू उपयोग परिवर्तन का आवेदन कर देगा। ऐसे में कार्रवाई भी नहीं हो सकेगी। पूरे मामले में कोई बोल नहीं रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि सर्किल रेट के मुताबिक दरें तय हो सकती हैं।

वर्जन

वीडीए के नियम के विरुद्ध किसी भी तरह के निर्माण और गतिविधियों पर कार्रवाई होगी। शासन स्तर पर नियमों में कुछ बदलाव पर विचार किया जा रहा है। प्रयास है कि कुछ ऐसा किया जाए जिससे भू-उपयोग के विपरीत कोई काम न हो सके।

-राहुल पांडेय, वीडीए वीसी

Posted By: Inextlive