RANCHI: पहाड़ी मंदिर के पास स्थित पहाड़ी टोला के विस्थापितों को अपना आशियाना कब मिलेगा, यह तो किसी को नहीं पता है। लेकिन झुग्गी झोपडि़यों में दिन-रात गुजार रहे करीब फ्भ्0 विस्थापितों को अब तक शौचालय भी नसीब नहीं हुआ है। बच्चे से लेकर बड़े तक सभी खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन ने घर तोड़कर छह साल से खुले में शौच के लिए छोड़ा।

टेम्पररी टॉयलेट निर्माण भी बंद

दो महीने से चल रहे टेम्पररी शौचालय बनने का काम अभी भी पूरा नहीं हो पाया है। लोगों ने कहा कि छह साल बाद दो महीने पहले यहां शौचालय बनाने का काम शुरू किया गया। शुरू के करीब क्0 दिनों में ही टैंक व सीट लगाने का काम कर लिया गया, लेकिन उसके बाद कोई दोबारा लौट कर क्यों नहीं आया। नतीजतन, स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है।

बनने हैं आठ टॉयलेट्स (बॉक्स)

पहाड़ी टोला में आठ शौचालय बनाना है, जिसका काम अभी बंद है। वहां अभी पानी की टंकी भी नहीं लगी है। काम आधा करके छोड़ दिया गया है। इससे लोगों की परेशानी अभी दूर होती नहीं दिख रही है।

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यहां छह साल से स्थिति बेहद खराब है। लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। घर टूटने के बाद हम गरीब लोगों के लिए किसी ने एक शौचालय भी बनवाना सही नहीं समझा।

शांति देवी

अगर यहां सुविधा नहीं है, तो लोग हल्का होने के लिए कहां जाएंगे। निगम को ध्यान देना चाहिए कि जब तक सरकार हमें कहीं बसा नहीं देती है, तब तक यहां शौचालय बना कर दे।

बादल नायक

हम गरीब लोगों के पास अपना घर नहीं है। घर के लिए सरकार से आस लगाए हुए हैं। हमारा शौचालय छह साल पहले ही हमारे घर के साथ तोड़ दिया गया। अब सरकार से उम्मीद है कि शौचालय बनवाए।

प्रभा देवी

यहां वर्षो बाद शौचालय बनता देख काफी खुशी हुई थी, लेकिन यह खुशी चंद दिनों में ही निराशा में परिवर्तित हो रही है। अब उस दिन का इंतजार है, जब यहां के लोगों को खुले में नहीं निकलना पड़े।

रोहित नायक

Posted By: Inextlive