1200

कुल बसों की डिमांड

1600

चार पहिया वाहनों की डिमांड

800

लग्जरी चार पहिया वाहनों की डिमांड

300

सरकारी विभागों से चार पहिया वाहनों की डिमांड

-जिला प्रशासन ने प्राइवेट के साथ सरकारी विभागों से मांग लिए वाहन

PRAYAGRAJ: लोकसभा चुनाव का प्रेशर क्या बढ़ा, साहब के पैदल हो गये हैं. मजबूरी में जिला प्रशासन को अपना वाहन सौंपना पड़ गया. पहले उनके कर्मचारी और मातहत अधिकारियों को मतदान ड्यूटी में लगाया गया और अब उनके वाहनों को भी जब्त किया जा रहा है. देने में आनाकानी करने पर जेल भेजने की चेतावनी भी दे दी गई है. इससे अफसरों का भ्रमण-निरीक्षण भी आलमोस्ट ठप हो गया है.

पहले से कम हैं वाहन

सरकारी विभागों में पहले से वाहनों का टोटा है. स्वास्थ्य विभाग, खाद्य सुरक्षा विभाग, बाट माप विभाग, औषधि प्रशासन या सप्लाई विभाग में रोजाना निरीक्षण और दौरे जरूरी हैं. फिर भी जरूरत के मुताबिक वाहन बहुत कम है. इससे भ्रमण-निरीक्षण के लिए रोज किच-किच होती है.

300 मांगे, नहीं मिले तो चेतावनी

प्राइवेट सेक्टर से वाहनों की डिमांड पूरी नहीं होने की आशंका के चलते अब प्रशासन ने सरकारी विभागों से वाहन मांग लिए हैं. विभागों में संविदा पर लगाए गए वाहनों को भी मंगवा लिया गया है. इनकी संख्या 300 बताई जा रही है. सभी मतदान के दिन तक इंगेज रहेंगे. विभागों ने रोना रोया तो आलाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी जारी कर दी गयी.

बॉक्स..

टूट-फूट हुई तो बनवाएगा कौन?

जिला प्रशासन द्वारा वाहन अधिग्रहीत किए जाने के बाद एक विभागीय अधिकारी काफी दु:खी नजर आ रहे हैं. उनका कहना था कि बड़ी लिखा-पढ़ी के बाद उनको सरकार ने वाहन का बजट एलॉट किया था. अब उसे चुनाव में लगाया जा रहा है. टूट-फूट हुई तो मेंटेन कौन कराएगा? एक अन्य अधिकारी ने बताया कि फील्ड का काम लगभग ठप हो जाएगा.

प्राइवेट सेक्टर में वाहनों की उपलब्धता का ग्राफ बढ़ रहा है. जिनके परमिट और आरसी रखवा ली गई है वह वाहन देने आ रहे हैं. इसी तरह सरकारी वाहनों को भी 6 मई से पहले जिला प्रशासन के समक्ष उपलब्ध कराना जरूरी है.

-रविकांत शुक्ला,

एआरटीओ प्रवर्तन

Posted By: Vijay Pandey