-पैसेंजर्स की रहती शिकायत पानी बरसे या फिर लू चले सड़क पर खड़ा रहना मजबूरी

- ट्विटर पर जिम्मेदारों से पैसेंजर्स लगा रहे गुहार

GORAKHPUR: फ्लाइट का सफर करना बहुत ही आनंददायक होता है और उसमें बैठने वाला हर पैसेंजर किसी वीआईपी से कम नहीं होता। लेकिन मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, बंगलुरू और कोलकाता का लंबा सफर तय करने के बाद जब गोरखपुर एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स उतरते हैं तो वहां से बाहर निकलते ही उनके अंदर की वीआईपी फीलिंग गायब हो जाती है। वे सड़क पर आम इंसान हो जाते हैं। इसका मेन रीजन ये है कि गोरखपुर एयरपोर्ट के बाहर कहीं भी सिर छिपाने की जगह नहीं है। ऐसे में तूफान आए या फिर तेज बारिश हो, उसी में खड़े होकर पैसेंजर्स को कैब या फिर अपने घरवालों का वेट करना पड़ता है।

गाड़ी खड़ी करने की भी जगह नहीं

गोरखपुर एयरपोर्ट के बनने से यहां के लोगों को कहीं भी जाना आसान हो गया है। सबसे बड़ी राहत मुंबई, हैदराबाद और बंगलुरू जाने वाले पैसेंजर्सं को मिला है। जहां पहले उन्हें इन जगहों पर जाने के लिए दो से तीन दिन का वक्त लगता था, अब फ्लाइट से वे कुछ ही घंटों में पहुंच जाते हैं। लेकिन सफर से लौटने के बाद पैसेंजर्स को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसकी मेन वजह एक तो एयरपोर्ट के बाहर गाड़ी खड़ी करने के लिए कोई स्टैंड नहीं है। दूसरा बाहर निकलने पर सड़क पर खड़े होकर टैक्सी या कैब का इंतजार करना पड़ता है। साथ में परिवार और बच्चे रहें तो और परेशानी होती है।

यूरिनल भी नहीं दिखता

एयरपोर्ट के बाहर खड़े कुछ पैसेंजर्स ने बताया कि फ्लाइट से आराम तो बहुत है। लेकिन बाहर कोई ऐसी सुविधा नहीं दिखती जहां पर घरवालों का वेट कर सकें। सड़क पर खड़े होकर समय बिताना पड़ता है। वहीं सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि यहां कोई यूरिनल या शौचालय भी नहीं दिखता है। जिससे यूरिनल के लिए भी परेशान होना पड़ता है।

ट्विटर पर लगाई गुहार

गोरखपुर के सांसद रवि किशन के ट्विटर अकाउंट पर एक संजीव नामक शख्स ने ट्वीट कर कहा है कि इस तरफ भी ध्यान दिजीए। गोरखपुर एयरपोर्ट पर टैक्सी कैब की सुविधा बराबर नहीं है। अगर गेट के पास खड़े हो तो पुलिस वाले रोड पर बाहर खड़ा कर देते हैं। कैब के लिए वेट करने के लिए रोड पर या एयरपोर्ट के अंदर ठीक-ठाक सुविधा बैठने की कराएं।

कोट

फ्लाइट तो समय पर आ गई लेकिन घरवाले अभी नहीं पहुंचे है। सारा सामान लेकर सड़क पर उनका इंतजार कर रहा हूं। बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए।

विवेक राज श्रीवास्तव, पैसेंजर

गोरखपुर एयरपोर्ट पर अपने रिश्तेदार को लेने पहुंचा हूं। बरसात के मौसम में बारिश का डर सता रहा है कि हो गई तो कहां जाउंगा। यूरिनल की व्यवस्था भी नहीं दिखती है।

दिनेश सिंह

वर्जन

रेलवे स्टैंड बनाने के लिए कुछ कर रहा है। बाहर नेशनल रोड है वहां हम लोग कुछ भी नहीं बनवा सकते हैं।

- एके द्विवेदी, डायरेक्टर, एयरपोर्ट

Posted By: Inextlive