- फसलों की बुआई, खेतों की सिंचाई के समय नहर में नहीं रहता पानी

- सरयू नहर बारानगर कैनाल में पानी छोड़ने की मांग

JHUMILA BAZAR: गोला तहसील क्षेत्र से होकर सरयू नहर बारानगर कैनाल गुजरता है लेकिन यह इस समय सूखा पड़ा है। खरीफ की बुआई, धान की नर्सरी के लिए पानी की सख्त जरूरत है। लेकिन किसान सूखी नहर देखकर जिम्मेदारों को कोस रहे हैं। किसानों का सवाल है कि इस नहर का क्या फायदा, यदि निजी साधनों से ही सिंचाई करनी पड़े?

समय से नहीं आता पानी

दक्षिणांचल के किसानों के खेतों में सिंचाई की सुविधा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर सरयू नहर बारानगर कैनाल बना। लेकिन, इसमें सिंचाई के समय पानी ही नहीं रहता। नहर के लिए किसानों की बेशकीमती जमीन अधिग्रहित की गई। उन्होंने भी आसानी से जमीन दे दी कि सिंचाई की सुविधा मिलेगी तो बची जमीन में फसल लहलहाएगी लेकिन जमीन भी गई और सिंचाई की सुविधा भी नहीं मिल रही। इस समय जब सिंचाई की पानी की जरूरत है तब नहर में झाड़-झंझाड़, खर-पतवार उगे हुए हैं। न तो नहर की सफाई हुई है और न ही पानी छोड़ा गया है।

माइनरों में नही पंहुचता पानी

नहर की मुख्य शाखा से छोटे छोटे माइनर निकाले गए हैं। जिसमें सुरदापार शुक्ल गांव से 7 किमी लंबा और 2.75 मीटर चौड़ा करौंदी माइनर बनाया गया। इससे दो दर्जनों गांवों को जोड़ा गया। लेकिन माइनर में एक किमी। से आगे पानी ही नहीं पहुंचता। इसी तरह भरोह से निकला चार किमी लंबा माइनर में भी पानी कुछ ही दूर तक जाता है।

जमीन गई, नहीं आया पानी

किसान चन्द्रिका यादव, चन्द्रशेखर सिंह, दयाशंकर दुबे, महेंद्र सिंह, विपिन मिश्र आदि किसान बताते हैं कि नहर और माइनर में सैकड़ों किसानों की जमीन ली गई। कई किसान भूमिहीन हो गए। मुआवजा भी सही नहीं मिला। जब समय से नहर में पानी नहीं देना था तो किसानों की जमीन लेकर उन्हें भूमिहीन क्यों किया गया? किसानों ने नहर, माइनर की सफाई करने और उसमें पानी छोड़ने की मांग की है।

नहर में पानी ही नहीं है कि पंप चालू किया जाए। माइनरों तक पानी पहुंचाने के लिये सभी चार पंप का चलना जरूरी है लेकिन तीसरे पंप के चलने से ही नहर ओवरफ्लो करने लगता है।

- दिनेश कुमार, सहायक अभियंता, सरयू नहर

Posted By: Inextlive