- एमडीए की कालोनी में अग्नि शमन का कोई इंतजाम नहीं

- लापरवाही की कहानी बयां कर रहे बिजली के तार

Meerut: लोहियानगर स्थित काशीराम आवास में लगी भीषण आग जहां एक ही परिवार के सात लोगों की जिंदगी लील गई। वहीं घटना ने सरकारी व सुरक्षा इंतजामों की पोल भी खोल दी। एक ओर जहां घटना की सूचना के बावजूद दमकल विभाग की गाडि़यों ने मौके पर पहुंचने में घंटों का समय ले लिया। वहीं एमडीए द्वारा बनाई गई इस बिल्डिंग में सुरक्षा इंतजामों की गई भारी चूक भी सामने आ गई।

ये है काशीराम जी आवास का सच

दरअसल, मेरठ-हापुड़ मार्ग स्थित लोहियानगर में एमडीए ने सात साल पूर्व काशीराम जी आवास योजना के क्भ्08 मकानों का निर्माण किया था। बिल्डिंग का निर्माण ठीक-ठाक से निपटा लिया। लेकिन यहां आकर रहने वाले लोगों के लिए इस बिल्डिंग में सुरक्षा इंतजामों के नाम पर कोई एहतियात नहीं बरती गई। यहां न तो अग्निशमन के कोई पुख्ता इंतजाम किए गए और न ही बिजली सुरक्षा का ही कोई स्थायी बंदोबस्त किया गया।

ये है व्यवस्था

दमकल विभाग की मानें तो कालोनी में आवासों और रहने वाले लोगों के हिसाब से अग्निशमन के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इतनी बड़ी आबादी के लिए यहां दमकल के लिए पंप स्टेशनों की कोई व्यवस्था नहीं की गई। फायर ब्रिगेड की गाड़ी पानी खत्म होने के बाद इन वाटर पंपों से पानी भरती हैं। जो इस कॉलोनी में नहीं है।

बिजली सुरक्षा का नहीं कोई इंतजाम

काशीराम आवास के इन मकानों में बिजली सुरक्षा को लेकर भी कोई सही बंदोबस्त नहीं किया गया था। इसका परिणाम है कि बिल्डिंग में बिजली के तार और केबिल लटके हुए हैं। मकान में लगी आग को बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से तक पहुंचाने का काम भी बिजली के इन्हीं केबल्स ने किया। बिल्डिंग निर्माण के दौरान बिजली की अंडर ग्राउंड फिटिंग की जाती तो घटना पर काफी हद तक काबू पाया सकता था।

Posted By: Inextlive