स्‍वीडन की सर्वाधिक सम्‍मानित संस्‍थानों में से एक स्‍वीडिश अकादमी ने अपने उपर लगे यौन-उत्पीड़न के आरोपों के कारण शुक्रवार सुबह इस साल शांति पुरस्कार नहीं देने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि 117 सालों के इतिहास में 8वीं बार इस सम्मान को रोका गया है।


इस वजह से रोका गया इस साल पुरस्कारस्टॉकहोम, (रायटर्स)। दरअसल, स्वीडिश एकेडमी की ज्यूरी सदस्य कटरीना फ्रोस्टेनसन के पति और एक फ्रांसीसी फोटोग्राफर जीन-क्लाउड अर्नोल्ट पर 18 महिलाओं के साथ यौन शोषण के आरोप लगे हैं। इसीलिए इस सम्मान को इस बार रोक दिया गया है। स्वीडिश अकादमी अध्यक्ष सारा डेनियस समेत छह सदस्यों ने शुक्रवार को इस्तीफा देते हुए इस पुरस्कार को अगले साल तक स्थगित करने का निर्णय लिया। उन्होंने एक संयुक्त बयान में कहा कि नोबेल पुरस्कार स्थगित करने का फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब यौन शोषण जैसे आरोप के चलते संस्था की इमेज खराब हुई है। इससे संस्था पर से जनता का भरोसा कमजोर हुआ है।आठ बार रोका गया पुरस्कार


बता दें कि 117 सालों के इतिहास में 8वीं बार इस सम्मान को रोका गया है। सबसे पहले 1914 और 1918 में पहले विश्वयुद्ध के दौरान इस सम्मान को रोका गया था। इसके बाद 1935 में पुरस्कार का कोई उम्मीदवार न मिलने के चलते इसे रोका गया। फिर, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1940, 1941, 1942, 1943 में भी इस साहित्य सम्मान को नहीं देने दिया गया। अब यह आठवां ऐसा मौका है, जब इस पुरस्कार को देने से रोक दिया गया है। क्या है ये पुरस्कार

1896 में अलफ्रेड नोबेल के निधन के बाद से स्वीडिश अकादमी द्वारा यह नोबेल पुरस्कार दिया जाता है। बता दें कि स्वीडिश एकेडमी की शुरूआत 1786 में हुई थी और पहली बार 1901 में नोबेल पुरस्कार दिए गए थे। यह नोबेल पुरस्कार पहले रसायन, साहित्य, शांति, भौतिकी और साइकोलॉजी (मेडिसीन) के क्षेत्र में दिए जाते थे। बाद में अल्फ्रेड नोबेल की याद में 1968 में इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में भी यह पुरस्कार दिए जाने लगे।

Posted By: Mukul Kumar