बाल अधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में संघर्षरत नोबेल शांति पुरस्काशर से सम्मानित हो चुके कैलाश सत्यार्थी अब ऐसे पहले भारतीय बन गए है जिसे हार्वर्ड फाउंडेशन ने हृयूमेंनटेरियन ऑफ द ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया है।

ये सम्मान पाने वाले प्रथम भारतीय
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित ‘ह्यूमैनिटेरियन’ पुरस्कार से नवाजा गया है। बाल अधिकारों की रक्षा में योगदान के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया। प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के इस पुरस्कार को पाने वाले वह पहले भारतीय हैं। पुरस्कार से ऐसे व्यक्ति को सम्मानित किया जाता है, जिसने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया हो और लोगों को अपने काम से प्रेरित किया हो। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने कहा कि बाल दासता को समाप्त करने में योगदान के लिए सत्यार्थी को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
सत्यार्थी ने कहा वे लाखों बेसहारा बच्चों के प्रतिनिधी
सत्यार्थी ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों में बाल संरक्षण एवं कल्याण संबंधी प्रावधानों को शामिल कराने में हाल में सफलता प्राप्त की है। इन प्रावधानों का लक्ष्य दासता, तस्करी, जबरन श्रम और हिंसा को समाप्त करना है। सत्यार्थी ने कहा कि वह लाखों बेसहारा बच्चों की तरफ से यह पुरस्कार ले रहे हैं।

मिल चुका है नोबेल पुरस्कार भी
बाल अधिकारों के लिए लंबे समय से लड़ाई जारी रखे हुए कैलाश सत्या र्थी को इस क्षेत्र में प्रशंसनीय काम के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें यह पुरस्कार 2014 में महिला शक्ति की प्रतीक पाकिस्तानी नागरिक मलाला युसूफजई के साथ ये पुरस्कार दिया गया था। हृमेंटेरियन ऑफ द ईयर प्रदान करने का समारोह कैंब्रिज में हार्वर्ड युनिवर्सिटी में आयोजित किया गया।

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Posted By: Molly Seth