- रिंग रोड पर 6 नंबर पुलिया के पास सीएम ने किया था दून के पहले स्मार्ट वेंडिंग जोन का इनॉग्रेशन

- सिंचाई विभाग की अंडरग्राउंड कैनाल के ऊपर नगर निगम ने बिना एनओसी बना दिया वेंडिंग जोन

- सिंचाई विभाग के मुताबिक प्रोफेशनल यूज के लिए नहीं दी जा सकती एनओसी

देहरादून, नगर निगम ने रिंग रोड पर 6 नंबर पुलिया पर सिटी का पहला स्मार्ट वेंडिंग मार्केट तो बना डाली लेकिन यह अभी भी वैलिड नहीं है। सिंचाई विभाग की अंडरग्राउंड कैनाल के ऊपर बने इस मार्केट की एनओसी पर पेंच फंसा हुआ है। दरअसल नगर निगम ने मार्केट बनाने से पहले सिंचाई विभाग से एनओसी एप्लाई की थी, सिंचाई विभाग ने एनओसी जारी भी नहीं की और निगम ने मार्केट का सीएम से इनॉग्रेशन भी करा दिया। अब सिंचाई विभाग का कहना है कि मार्केट को टेक्नीकली एनओसी नहीं दी सकती ऐसे में मार्केट का फ्यूचर क्या होगा ये बड़ा सवाल है।

सीएम ने किया था इनॉग्रेशन

नगर निगम द्वारा शहरभर में आड़ी-तिरछी खड़ी होने वाली ठेलियों को स्मार्ट मार्केट में व्यवस्थित करने के लिए स्मार्ट वेंडिंग जोन का प्रपोजल रखा था। रिंग रोड पर 6 नंबर पुलिया के पास सिटी की पहली स्मार्ट वेंडिंग जोन बनाया गया। पिछले माह 16 अक्टूबर को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मार्केट का इनॉग्रेशन किया था। लेकिन, यह मार्केट सिंचाई विभाग की अंडरग्राउंड कैनाल के ऊपर बनी हुई है और सिंचाई विभाग ने अभी तक मार्केट को एनओसी नहीं दी है। हालांकि, निगम का कहना है कि मार्केट शुरू करने से पहले 5 अक्टूबर को सिंचाई विभाग में एनओसी के लिए एप्लाई किया गया था। लेकिन इधर अब तक सिंचाई विभाग की ओर से एनओसी नहीं दी गई है।

सिंचाई विभाग ने हाथ खींचे

मार्केट को एनओसी जारी करने को लेकर सिंचाई विभाग का कहना है कि कॉमर्शियल एक्टिविटीज के लिए सिंचाई विभाग अपनी संपत्ति पर एनओसी जारी ही नहीं कर सकता। पहले ही सिंचाई विभाग नगर निगम को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर मार्केट हटाने का नोटिस भी जारी कर चुका है। सिंचाई विभाग के अफसरों के मुताबिक नियमानुसार कैनाल की भूमि पर कॉमर्शियल यूज के लिए एनओसी देने का प्रावधान ही नहीं है। अगर एनओसी दी जाती है तो दूसरे कब्जेदारों के लिए ये एनओसी का आधार बन सकता है और सिंचाई विभाग अपनी परिसंपत्तियों पर कब्जा नहीं हटा पाएगा और विभाग को दूसरे कब्जाधारकों को भी एनओसी देनी पड़ सकती है।

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सिंचाई नहर की भूमि कॉमर्शियल यूज के लिए नहीं दी जा सकती है। इस बारे में उच्चाधिकारियों से दिशा-निर्देश मांगे गए हैं। शासन सतर से जो भी गाइड लाइन होंगे, उसके अनुरूप आगे की कार्रवाई की जाएगी।

- डीके सिंह, एक्सक्यूटिव इंजीनियर, सिंचाई खंड, देहरादून.

Posted By: Inextlive