बार्सिलोना में चल रही मोबाइल वर्ल्ड कॉन्फ़्रेंस में नोकिया ने अपनी एंड्राएड सिरीज़ के फ़ोन पेश किए हैं.


नोकिया के एक्स, एक्स प्लस और एक्स एल फ़ोन की कीमत 89 यूरो (करीब 7,591 रुपए) से 109 यूरो (करीब 9,297 रुपए) तक होगी.अब तक नोकिया अपने स्मार्टफ़ोन के लिए विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करती रही है. साल 2013 के अंत में माइक्रोसॉफ़्ट के नोकिया की मोबाइल शाखा को ख़रीदने की विस्तृत योजना के बावजूद नोकिया की इस घोषणा का काफ़ी इंतज़ार किया जा रहा था.विश्लेषकों ने इस घोषणा को एक "पेचीदा रणनीतिक कदम" करार दिया है. नोकिया के एंट्री लेवल एक्स मॉडल में चार इंच (10.2 सेमी) की स्क्रीन होगी और 512 एमबी रैम के साथ तीन मेगापिक्सल का कैमरा होगा. एक्स प्लस में 768 एमबी रैम होगी और चार जीबी का माइक्रो एसडी कार्ड होगा.टॉंप वर्ज़न एक्सएल पांच इंच की स्क्रीन के साथ आएगा. इसमें सामने की ओर दो मेगापिक्सल का और पीछे की ओर पांच मेगापिक्सल का कैमरा होगा.


विंडोज़ और नोकिया एक्स यूरोप और एशिया पेसिफ़िक में तुरंत बिक्री के लिए उपलब्ध हो जाएगा जबकि एक्स प्लस और एक्स एल अप्रैल में लॉन्च होंगे.एक्स मॉडल के ग्राहक माइक्रोसॉफ़्ट के क्लाउड-स्टोरेज सिस्टम, वनड्राइव का इस्तेमाल कर सकेंगे. कंपनी का ईमेल सॉफ़्टवेयर, आउटलुक, भी सभी मॉडल में स्वाभाविक रूप से उपलब्ध रहेगा.

मैसेजिंग सर्विस ब्लैकबैरी मैसेंजर (बीबीएम) के साथ ही सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर, वीडियो एप वाइन और प्लांट्स वर्सेस जॉम्बीज़ 2 गेम भी इन फ़ोनों में पहले से लोड होंगे.रिसर्च एनेलिस्ट कंपनी गार्टनर के अनुसार इस साल एंड्रॉएड वाले 11 लाख फ़ोन बेचे जाएंगे, इसकी तुलना में विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम वाले सिर्फ़ 360,000 ही बेचे जाएंगे.माइक्रोसॉफ़्ट ने नोकिया के मोबाइल फ़ोन व्यापार को 5.4 अरब यूरो (करीब 46,000 करोड़ रुपए) में ख़रीदा है.उस वक्त कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे, स्टीव बॉलमर, ने इस सौदे को "आगे की ओर बड़ा, निडर कदम" बताया था. उन्होंने कहा था कि माइक्रोसॉफ़्ट खुद को "सॉफ़्टवेयर और पीसी के लिए जाने जानी वाली कंपनी से ऐसी कंपनी में बदल रही है जो उपकरणों और सेवा पर केंद्रित है."पेचीदा रणनीतिक चालआलोचकों का कहना है कि माइक्रोसॉफ़्ट ने मोबाइल उपकरणों के फलते-फूलते बाज़ार में आने में सुस्ती दिखाई.नोकिया एक वक्त मोबाइल फ़ोन बाजार की अग्रणी कंपनी थी लेकिन पिछले कुछ सालों से संघर्ष कर रही है.मोबाइल फ़ोन कंपनियों के लिए अब विकास की गुंजाइश बढ़ते हुए बाज़ारों में हैं जहां कम कीमत के एंड्रॉएड फ़ोनों की बिक्री ख़ासतौर पर अच्छी है.विश्लेषक सीसीएस इनसाइट के शोध प्रमुख बेन वुड कहते हैं, "नोकिया एक दुविधा में फंस गई थी."

वो कहते हैं, "कम कीमत के स्मार्टफ़ोन बाज़ार में एंड्रॉएड की मांग है और इसमें शामिल न आने से बहुत नुकसान हो जाता है लेकिन एंड्रॉएड की दिशा में बढ़ना भी यकीनन मुश्किल रहा होगा."वह कहते हैं, "लेकिन जल्द ही माइक्रोसॉफ्ट की होने जा रही कंपनी के लिए एंड्रॉएड को स्वीकारना एक पेचीदा रणनीतिक चाल है. नोकिया को लगा कि एंट्री लेवल के फ़ोन और ऐप में एंड्रॉएड के दबदबे के बाद उसके पास ज़्यादा विकल्प नहीं हैं, ख़ासतौर पर उभरते हुए बाज़ारों में."'नोकिया के साथ'माइक्रोसॉफ़्ट और नोकिया के बीच सौदा अभी अंतिम रूप से हुआ नहीं है. रविवार को एक प्रेस कॉंफ्रेंस में विंडोज़ के ऑपरेटिंग सिस्टम के वाइस प्रेसिडेंट जोइ बेलफ़ियोर से पूछा गया था कि वह नोकिया के एंड्रॉएड फ़ोन लॉन्च करने के फ़ैसले के बारे में क्या सोचते हैं.उनका कहना था, "कुछ चीज़ों को लेकर हम उत्साहित हैं, कुछ को लेकर कम उत्साहित हैं. वैसे वह जो कुछ भी कर रहे हैं हम पूरी तरह उनके साथ हैं."वुड का कहना है कि एंड्रॉएड फ़ोन लॉन्च करने के बावजूद नोकिया का ध्यान मुख्य तौर पर इसके विंडोज़ फ़ोन पर ही रहेगा.
वह कहते हैं, "माइक्रोसॉफ़्ट के कंपनी पर मालिकाना हक की संभावनाओं के बीच नोकिया पूरी कोशिश करेगी कि वह माइक्रोसॉफ़्ट को एंट्री-लेवल स्मार्टफ़ोन के स्तर पर लाए और इसकी उम्मीद होगी कि एंड्राएड फ़ोन को लेकर इसके खेल से इस पर फ़र्क नहीं पड़ेगा."नोकिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट स्टीवन इलोप ने पुष्टि की है कि लूमिया "हमारा प्राथमिक स्मार्टफ़ोन प्लेटफ़ॉर्म रहेगा" और एक्स रेंज के फ़ोन को एक "सहायक सिस्टम" के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा.

Posted By: Bbc Hindi