पिता तेजपाल चाउमीन का ठेला लगा कर परिवार का गुजर बसर करते हैं। इस गरीबी की हालत में भी बेटे ने वह कर दिखाया है जो पिता ने सोचा भी नहीं होगा। उनके बेटे अनिल रावत ने बॉडी बिल्डिंग में मिस्टर हरियाणा का खिताब जीता है। यह खिताब 20 साल बाद भिवानी के नाम हुआ है। अनिल का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले के गांव खनूवावा का रहने वाला है।


चाउमीन का ठेला लगाते-लगाते पिता ने बेटे को बना दिया मिस्टर हरियाणा, जानें कैसे पिता तेजपाल चाउमीन का ठेला लगा कर परिवार का गुजर बसर करते हैं। इस गरीबी की हालत में भी बेटे ने वह कर दिखाया है जो पिता ने सोचा भी नहीं होगा। उनके बेटे अनिल रावत ने बॉडी बिल्डिंग में मिस्टर हरियाणा का खिताब जीता है। यह खिताब 20 साल बाद भिवानी के नाम हुआ है। अनिल का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले के गांव खनूवावा का रहने वाला है। इस तरह अनिल ने पाई मंजिल
इसी 24 जनवरी को करनाल में आयोजित 28वीं हरियाणा जूनियर बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में अनिल रावत ने मिस्टर हरियाणा ओवरऑल ट्रॉफी पर कब्जा कर यह खिताब अपने नाम किया। 85 किलोग्राम भार वर्ग में इस युवा ने यह खिताब जीतकर भिवानी का नाम रोशन किया है। मात्र 19 वर्ष की आयु में भिवानी के चिरन्जीवी कॉलोनी निवासी अनिल ने बॉडी बिल्डिंग में मिस्टर हरियाणा का ओवरऑल खिताब जीत कर गरीबी को भी करारा तमाचा जड़ा है। बॉडी बिल्डिंग में मिस्टर हरियाणा बना अनिल माता- पिता और भाई-बहन के साथ पिछले 20 साल से चिरंजीव कॉलोनी में किराए के मकान में रह रहा है। यह युवा पिछले दो वर्षो से भिवानी स्पाटन जिम में हर रोज घंटों पसीना बहा रहा है। मात्र नौवीं पास अनिल में बॉडी बिल्डिंग को लेकर गजब जज्बा देखा जा सकता है।

20 साल पहले गुरु ने जीता था खिताब अब चेले ने किया कमाल बॉडी बिल्डिंग में मिस्टर हरियाणा बने अनिल कहते हैं कि एक समय था जब वह भिवानी स्पाटन जिम में अभ्यास करने वालों को शीशों से झांकते थे। एक दिन यह सब देख कोच व गुरु लक्ष्मीकांत वशिष्ठ ने उन्हें यहां अभ्यास का मौका दिया। 20 साल पहले उनके गुरु ने यह खिताब जीता था। गुरु ने उनको बारीकियां सिखाई और यह मुकाम दिलाया। बेटे पर बढ़ा है भरोसा, वह करेगा नाम रोशन अनिल के पिता तेजपाल के मुताबिक वह चाउमीन का ठेला लगाकर परिवार पाल रहे हैं। बेटे के लिए जितना बन पड़ता है करते हैं। अब उनका बेटे पर भरोसा बढ़ गया है। वह हमारा और हरियाणा का नाम रोशन करेगा। वहीं अनिल के कोच लक्ष्मीकांत वशिष्ठ का कहना है कि अनिल बहुत ही मेहनती है। वह हर रोज तीन से चार घंटे पसीना बहाता है। चार फरवरी को लुधियाना में होने वाली राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए वह जी तोड़ मेहनत कर रहा हैं।  रिपोर्ट बाई सुरेश मेहरा, भिवानी  

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari