जीबीटीयू यूपीएसईई जांच के दायरें को बढ़ाएगा
स्टूडेंट्स की पहचान की जाएगी
जीबीटीयू ने यूपीएसईई के फर्जीवाड़े में शामिल बीटेक के स्टूडेंट्स के खिलाफ तो कार्रवाई कर दी है। लेकिन इस फर्जीवाड़े से जुड़े दूसरे लोगों के पहचान करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है। यूनिवर्सिटी इसमें शामिल लोगों की पहचान कर उनसे इस मामले में जांच के लिए बुला सकती है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि अभी तक इस फर्जीवाड़े के एक ही पहलु की जांच की गई है। जबकि इस मामले में शामिल दूसरे लोगों की अभी तक न तो पहचान की गई है और न ही इस पूरे फर्जीवाड़े के दूसरे तार को खोजा गया है.
जड़ से खत्म करना है
जीबीटीयू के जांच कमेटी का कहना है कि इस फर्जीवाड़े को पूरी तरह से खत्म करना है, जिसे आगे फ्यूचर में इस तरह का कोई फर्जीवाड़ा न हो सके। इसके लिए जांच टीम ने अपने जांच के तरीके को और विस्तार करने की सोच रहा है। यूनिवर्सिटी को अभी तक इस पूरी जांच प्रक्रिया में केवल फर्जीवाड़े के खुलासे के अलावा कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। अब यूनिवर्सिटी एग्जाम कराने वाली संस्थान के साथ मिलकर इसमें शामिल उन स्टूडेंट्स की खोज करेगी जिनके स्थान पर फर्जी कैंडीडेंट्स एग्जाम दे रहे थे.
क्या कहते है अधिकारी
जांच में विस्तार किया जा सकता है, इसके दूसरे पहलुओं की भी जांच की जाएगी। जिसे इस फर्जीवाड़े का पूरी तरह से खुलासा किया जा सके.
- प्रो। डॉ। डीएस यादव, उप कुलपति, जीबीटीयू