उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र ने कुंभ मेला के लिए पहली बार बनाई योजना

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ALLAHABAD: उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से साल में एक बार केन्द्र परिसर में शिल्प हाट का आयोजन कराया जाता है। इसका शहरियों को प्रतिवर्ष बेसब्री से इंतजार रहता है, अगले वर्ष संगम की रेती पर लगने वाले कुंभ में ना केवल शहरियों को बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को मेला अवधि के दौरान तीन शिल्प हाट का नजारा दिखाई देगा। इसके लिए सांस्कृतिक केन्द्र प्रशासन ने हर दस दिन के अंतराल पर शिल्प हाट लगाने का निर्णय लिया है।

परेड ग्राउंड में तीन शिल्प हाट

सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा प्रतिवर्ष माघ मेला के दौरान परेड ग्राउंड में चलो मन गंगा यमुना तीर नाम से सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया जाता है। लेकिन कुंभ मेला में उसी स्थान पर सांस्कृतिक समारोह की बजाए शिल्प हाट लगाने की योजना है। एक शिल्प हाट दस दिन तक चलेगा और इसी तर्ज पर दो अन्य शिल्प हाट का आयोजन किया जाएगा।

रोटेशन से दिया जाएगा अवसर

सांस्कृतिक केन्द्र में लोक कलाकारों और शिल्पकारों के लिए रोटेशन सिस्टम लागू कर दिया गया है। ताकि केन्द्र में रजिस्टर्ड सभी शिल्पकारों व कलाकारों को मौका दिया जा सके। यही वजह है कि कुंभ मेला के दौरान दस-दस दिन के अंतराल पर जिस शिल्प मेला का आयोजन किया जाएगा उसमें पहले मौका पाने वाले कलाकार दोबारा नहीं बुलाए जाएंगे।

एक छत के नीचे देश की संस्कृति

कुंभ मेला में तीन बार शिल्प हाट का आयोजन किया जाएगा। इसमें कोई भी शिल्प हाट ऐसा नहीं होगा जिसमें देश की संस्कृति की झलक ना दिखाई दे। शिल्प हाट में देश के सभी राज्यों के शिल्पकारों को बुलाया जाएगा। इसके लिए केन्द्र प्रशासन ने दस दिन पहले ही केन्द्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय को प्रस्ताव बनाकर भेजा है।

सात राज्यों का है सांस्कृतिक केन्द्र

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के अन्तर्गत देश के सात राज्य आते हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड व बिहार शामिल हैं। इन राज्यों से कुल साढ़े तीन हजार कलाकार व शिल्पकारों का रजिस्ट्रेशन सांस्कृतिक केन्द्र के मुख्यालय में है।

कुंभ मेला पंद्रह जनवरी से चार मार्च तक चलेगा। दसमें देश-विदेश के करोड़ों पर्यटक आएंगे। इसलिए शिल्पकारों को ज्यादा से ज्यादा मौका देने के उद्देश्य से तीन बार शिल्प हाट का आयोजन किया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद शिल्पकारों व कलाकारों के चयन की प्रकिया शुरू की जाएगी।

इंद्रजीत ग्रोवर, निदेशक, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र

Posted By: Inextlive