एनई रेलवे गोरखपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है जिसमें चार बहनों का इकलौता भाई राजेश पांडेय जेंडर चेंज कराकर लड़की बन गया है। इससे एनई रेलवे काफी परेशान है।


-पहला चेन्नई बेस्ड वेस्टर्न रेलवे, तो दूसरा एनई रेलवे के इज्जतनगर मंडल का मामला-विधिक सलाह लेने के बाद नियमानुसार कार्रवाई करेगा रेलवेsyedsaim.rauf@inext.co.inGORAKHPUR: नॉर्मल लाइफ और रूटीन से भला किसी को कहां गिला है, लेकिन अगर लाइफ में थोड़ा सा ट्विस्ट आ जाए, तो न सिर्फ उस पर्सन को प्रॉब्लम हो जाती है, बल्कि इससे दूसरों पर काफी असर पड़ता है। इन दिनों एनई रेलवे भी कुछ ऐसे ही दौर से गुजर रहा है। यहां जेंडर चेंज की अप्लीकेशन ने रेलवे के जिम्मेदारों को पेन दे रखा है। पहले ऐसा कोई मामला सामने न आने की वजह से जिम्मेदार रूल बुक खंगाल रहे हैं, मगर अब तक कामयाबी नहीं मिल सकी है। वहीं दूसरी ओर अप्लीकेंट भी परेशान है कि छह माह से अप्लीकेशन देने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।


मार्च 2003 में ज्वाइन की नौकरी

एनई रेलवे गोरखपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें चार बहनों का इकलौता भाई राजेश पांडेय जेंडर चेंज कराकर लड़की बन गया है। इज्जनगर मुख्य कारखाना प्रबंधक ऑफिस में टेक्निकल ग्रेड वन पोस्ट पर है। उन्होंने अब गवर्नमेंट के दस्तावेज में अपना नाम और जेंडर चेंज कराने के लिए अप्लीकेशन दी है। मामला एनई रेलवे के इज्जतनगर डिवीजन का है। सोर्सेज की मानें तो पिता और बड़े भाई की मौत के बाद वह अनुकंपा पर 19 मार्च 2003 में रेलवे में आया। परिवार में चार बहनें और मां हैं। साल 2017 में राजेश जेंडर चेंज कराकर फीमेल बन गया। अब उसने अपना नाम सोनिया पांडेय रख लिया है।इज्जतनगर फेल को गोरखपुर दौड़ी फाइलराजेश उर्फ सोनिया ने सबसे पहले मुख्य कारखाना कार्मिक प्रबंधक इज्जतनगर को नाम व लिंग बदलने के लिए अप्लीकेशन भेजा। रेलवे अधिकारियों के सामने जब मामला आया तो वो चकरा गए। अप्लीकेशन दिसंबर 2018 में दी गई, लेकिन मामला समझ से परे होने की वजह से फाइलें इस टेबल से उस टेबल तक दौड़ती रहीं। जब बात नहीं बनी तो 26 मार्च को फाइल गोरखपुर के लिए डिसपैच कर दी गई। एनई रेलवे डिवीजन में ऐसा मामला पहली बार आय है जिसमें मेल रेलकर्मी ने खुद का जेंडर चेंज कराकर फीमेल नाम रखकर सर्विस रिकार्ड में भी नाम बदलने की अप्लीकेशन दे दी है। आपसी सहमति से तलाक

राजेश उर्फ सोनिया ने बताया कि परिवार में बेटे के तौर पर जन्म लिया, लेकिन बचपन से ही बॉडी में कुछ अन-इवेन चेंज हुए। बॉडी तो मले जैसी ही थी, लेकिन जेहन में फीमेल जैसे ख्याल आने लगे। फैमिली मेंबर्स ने शादी करा दी। राजेश ने जीवनसाथी को अपने ख्याल के बारे में बता दिया। इसके बाद दोनों में आपसी सहमति से तलाक हो गया। अकेली जिंदगी में सुसाइड का ख्याल आया, लेकिन किसी ने सर्जरी कराकर जेंडर चेंज कराने की सलाह दी। साल 2017 में राजेश ने सर्जरी कराई और अपना जेंडर चेंज करा लिया। रेलवे में पहले भी आ चुका है मामला
गोरखपुर में जेंडर चेंज का मामला भले ही नया हो, लेकिन रेलवे में 2018 में ही ऐसा मामले सामने आ चुका है। साउदर्न रेलवे में 32 साल के व्यक्ति ने साल 2018 के बीच में ही रेलवे को लेटर दिया था। इसमें उसने अपना जेंडर चेंज कराकर पेंशन के लिए अप्लीकेशन दी है। इसमें उसने बताया है कि उसके पिता रेलवे से रिटायर हुए थे और उनकी मौत 2017 में हो गई थी। इसलिए अब उसे पेंशन दिया जाए। इस मामल में रेलवे के जिम्मेदारों का कहना है कि रेलवे के रूल के मुताबिक 25 साल तक के मेल को ही पेंशन देने का प्रावधान है, इससे ऊपर अगर कुआंरी बेटी है, तो ही वह पेंशन की हकदार है और उसके लिए कोई एज लिमिट भी तय नहीं है। फिलहाल जिम्मेदारों ने उसे मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल, पेंशन एंड पब्लिक ग्रीवांस को भेज दिया था।यह टेक्निकल मामला है। इसके लिए विधिक राय ली जाएगी, कानूनी पहलुओं को देखा जाएगा। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। - सीपी चौहान, पीआरओ, एनई रेलवेलिंग परिवर्तन के लिए महिला सिपाही को महाराष्ट्र सरकार की अनुमति का इंतजारमैंने 2017 में जेंडर चेंज करा लिया है। आईडेंटिफिकेशन प्रॉब्लम होने के बाद मैंने दिसंबर 2018 में रिकॉर्ड में भी जेंडर चेंज के लिए अप्लीकेशन डाली है। मार्च तक फाइलें इज्जतनगर मंडल में थी, लेकिन 26 मार्च को इसे गोरखपुर भेज दिया गया है। मगर अब तक कोई सॉल्युशन नहीं मिल सका है।- राजेश उर्फ सोनिया

Posted By: Shweta Mishra