एयर एक्शन प्लान पर नहीं हो रहा कोई एक्शन
आगरा. शहर में एक जून 2019 को एयर एक्शन प्लान तो जारी कर दिया, लेकिन इसमें निर्धारित किए बिन्दुओं के क्रियान्वयन की ओर कोई ध्यान नहीं है. इससे जहां शहर की आबोहवा प्रदूषित हो रही है, वहीं एनजीटी के आदेशों की अवहेलना भी की जा रही है.
इसलिए जरूरत पड़ी एयर एक्शन प्लान की शहर में बढ़ते हुए प्रदूषण को कम करने के लिए एयर एक्शन प्लान की जरूरत समझी गई. उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) द्वारा तैयार किए गए एयर एक्शन प्लान को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एप्रूव्ड किया है. इसमें सीपीसीबी ने एक्यूआई का मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर प्रति वर्ष रखी गई है. बॉक्स एनजीटी ने किया तैयारनेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने देश के 120 शहरों में वायु प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए एयर एक्शन प्लान तैयार किया है. इसमें लॉन्ग और शॉर्ट टर्म एयर एक्शन प्लान तैयार किया है. इसके लिए सभी के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है.
तो जिगजैग तकनीक कम करेगी प्रदूषणजिले में संचालित ईट-भट्टों को संचालित करने के लिए केन्द्रीय प्रदूषण विभाग ने जिग-जैग तकनीक का सुझाव दिया था, लेकिन उसका अनुपालन नहीं किया जा सका. एक जून को हुई एयर एक्शन प्लान की मीटिंग में दोबारा इस तकनीक पर चर्चा की गई. बता दें कि परंपरागत ईट भट्टे एक लाख ईट पकाने के लिए 12 टन कोयले का प्रयोग करते हैं, जबकि जिग-जैग तकनीकी से एक लाख ईट पकाने के लिए नौ टन कोयले का इस्तेमाल होगा.
जिले की स्थिति ईट भट्टे- 115 एनओसी प्राप्त भट्टे- 63 टीटीजेड की स्थिति एरिया- 10400 वर्ग किमी ईट भट्टे- 1342 एनओसी प्राप्त भट्टे- 685 लॉन्ग टर्म प्लान योजनाएं जिम्मेदारी निर्धारित समयावधि मल्टीलेवल पार्किग नगर निगम और एडीए 360 दिन जाम से छुटकारा एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी 360 दिन वाहनों में फ्लिटर व्हीकल्स कंपनी रोड मिनिस्ट्री 360 दिननहरों को पक्क करना नहर सिंचाई और वन विभाग 180 दिन
इलेक्ट्रिक बसें रोडवेज विभाग 360 दिन ------------------------------------------ शॉर्ट टर्म प्लान योजना जिम्मेदार निर्धारित समयावधि गड्ढा मुक्त सड़कें नगर निगम एडीए तीन महीने फव्वारों का संचालन नगर निगम एडीए तीन महीने बैटरी चलित वाहन निगम एडीए चार महीने पेट्रो पदार्थो में मिलावट डीएसओ एक महीना इंटेलीजेंट ट्रैफिक सिस्टम ट्रैफिक पुलिस 180 दिनसड़कों का चौड़ीकरण नगर निगम तीन महीने
रिमोर्ट सेंसर ट्रैफिक पुलिस 180 दिन प्रदूषणकारी वाहनों की चेकिंग आरटीओ, ट्रैफिक पुलिस नियमित सार्वजनिक स्थानों पर ग्रीनरी वन विभाग तीन महीने 1999 में हुआ था टीटीजेड प्राधिकरण का गठन वर्ष 1999 में आगरा में टीटीजेड प्राधिकरण का गठन किया गया था. इसमें आगरा समेत 6 जिलों के 10400 वर्ग मी. में फैले क्षेत्रफल को को शामिल किया गया था. इसमें मथुरा, फीरोजाबाद, भरतपुर आदि जिले शामिल थे. वर्ष 1983 में आगरा और मथुरा को वायु प्रदूषण संरक्षित घोषित किया गया था. जिले में कोई भी ईट भट्टा जिग-जैग तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर रहा है. 115 ईट-भट्टों में 63 के पास ग्रांड परमीशन है. बाकी के बंदी के आदेश हैं. आठ के खिलाफ बंदी के नए आदेश जारी किए गए हैं. दो के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर लखनऊ लेटर भेजा गया है. भुवन यादव पर्यावरण अभियंता, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड