सावधान, ये रियायत सभी के लिए नहीं है
- खाद्य सुरक्षा अधिनियम के सिर्फ पात्रों को ही मिलेगा लाभ
- जानकारी के अभाव में हजारों की संख्या में हो चुके आवेदन Meerut : जी हां, खाद्य सुरक्षा अधिनियम सभी के लिए नहीं है। इसके तहत अनाज में उसी को सब्सिडी मिलेगी, जो पात्र होगा। अपात्र भविष्य में खुद-ब-खुद लिस्ट से बाहर हो जाएंगे। इतना क्लीयर होने के बावजूद हजारों लोग अब तक ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। इनमें वह भी शामिल हैं जो आर्थिक रूप से संपन्न हैं। जागरुकता की कमी के चलते में दलालों से सांठगांठ कर साइबर कैफे वाले आवेदन के नाम पर इन्हें ठग रहे हैं। आइए जानते हैं कि कौन बनेगा इस योजना का लाभार्थी। दो-तिहाई आबादी को मिलना है लाभखाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दो-तिहाई आबादी को लाभांवित किया जाना है। इसमें से शहरी क्षेत्र से फ्0 और ग्रामीण क्षेत्र की 70 फीसदी पॉपुलेशन का चयन किया जाना है। लाभार्थियों को प्राथमिकता और सामान्य परिवारों में बांटा गया है। इन्हें सस्ता अनाज मुहैया कराया जाएगा। बता दें कि जिले की आबादी फ्भ् लाख से अधिक है।
इन परिवारों को मिलेगी प्राथमिकता - भिक्षावृत्ति करने वाले - घरेलू कामकाज करने वाले - जूते-चप्पल की मरम्मत करने वाले - फेरी या खोमचे लगाने वाले - कुष्ठ व एचआईवी रोग से पीडि़त- अनाथ या माता-पिता विहीन बच्चे
- गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार - दैनिक वेतन भोगी, भूमिहीन मजदूर ये हो जाएंगे सूची से बाहर - समस्त आयकर दाता - ऐसा परिवार जिसके किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन, एयर कंडीशनर, पांच केवीए या उससे अधिक का जनरेटर हो। - शहरों में स्वअर्जित प्लॉट या उस पर मकान का निर्माण। - ऐसे परिवार जिनके पास एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस हों। दलालों के झांसे में आकर भटके फरवरी से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सब्सिडी पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन का काम चल रहा है। ऐसे में कई ऐसे लोगों को बरगला कर आवेदन कराया जा रहा है, जो सब्सिडी के पात्र ही नहीं हैं। जबकि, जिला आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सत्यापन के बाद खाद्य सुरक्षा अधिनियम लाभार्थियों की सूची से सभी अपात्रों को बाहर कर दिया जाएगा। इसलिए पात्र ही ऑनलाइन आवेदन में सम्मिलित हों। क्या है खाद्य सुरक्षा अधिनियम? - देशभर में सस्ते दामों में अनाज प्रदान करने का प्राविधान। - गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं, आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले बच्चे और बूढ़े लोगों को पका हुआ खाना मुहैया करवाया जाना।- स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपए भी दिए जाएंगे।
- अधिनियम लागू होने के बाद निर्धन लोगों को गेहूं और चावल प्राप्त करना कानूनी अधिकार बन जाएगा। - प्राथमिकता श्रेणी वाले प्रत्येक व्यक्ति को सरकार सात किलो चावल व गेहूं देगी। - चावल तीन रुपए और गेहूं दो रुपए की दर से होगा। - सामान्य श्रेणी वालों को कम से कम तीन किलो अनाज न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधे दाम पर दिया जाएगा। वर्जन जागरुकता के अभाव और दलालों के चक्कर में पड़कर लोग जबरदस्ती अधिनियम के तहत ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं। जो लोग पात्रता श्रेणी में नहीं आते, उनका नाम खुद ब खुद सूची से बाहर हो जाएगा। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्रों को ही लाभ दिया जाएगा। - डीएन श्रीवास्तव, खाद्य आपूर्ति अधिकारी, मेरठ