मूल्यांकन नहीं तो वेतन नहीं
- शासन ने दिए सख्त निर्देश, बोर्ड ने की कार्रवाई की तैयारी
- पिछले साल तीन दिन लेट हो गया था मूल्यांकन मेरठ- इस बार यूपी बोर्ड के मूल्यांकन से मुंह फेरना टीचर्स को भारी पड़ सकता है। मूल्यांकन में उनकी जरा सभी भी लापरवाहीं उनका नुकसान कर सकती है। शासन ने शिक्षा विभाग को इस बार सख्त निर्देश दे दिए हैं। 27 अप्रैल से शुरू होने वाले मूल्यांकन में बिल्कुल भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही बोर्ड ने भी इसकी तैयारी कर ली है। नहीं कर सकेंगे मनाशासन के अनुसार अक्सर कुछ शिक्षक बीमारी का बहाना करके मूल्यांकन से बीच में ही मुंह फेर लिया करते थे। वहीं काफी बार तो शिक्षक बीच में मूल्यांकन छोड़कर धरने प्रदर्शन आदि पर ही लग जाते थे। जिसके चलते देरी से काम खत्म होता था या फिर जल्दबाजी के चक्कर में गलत मूल्यांकन होता था। लेकिन इस बार इस तरह से बिल्कुल भी नहीं चल पाएगा।
पिछले साल हुआ था ऐसालास्ट ईयर भी मूल्यांकन शुरू होने के पहले दिन से लेकर पूरे दिन तक शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर मूल्यांकन छोड़ा था। मूल्यांकन की जगह शिक्षको ने धरना प्रदर्शन किया था। जिसके चलते मूल्यांकन में गड़बड़ी होने की समस्या आई थी। इसके अलावा समय से लेट भी हुआ था। इसके अलावा कई जगह तो मूल्यांकन का असर रिजल्ट में गड़बड़ी पर भी पड़ा था। जिसे संज्ञान में रखते हुए ही शासन ने ये निर्देश दिया है।
ये होगी कार्रवाई - बीच में मूल्यांकन छोड़कर एक दिन गायब रहने पर कटेगा मूल्यांकन का आधा पैसा - मूल्यांकन से बीच में छोड़कर आगे मूल्यांकन न करने पर कटेगा एक सप्ताह का वेतन। - अगर मूल्यांकन में कि गड़बड़ी तो एफआईआर और वेतन कटेगा और जुर्माना भी होगा। मूल्यांकन में पारदर्शिता रखने के लिए ही शासन ने ऐसे निर्देश दिए हैं। अगर किसी तरह की गड़बड़ी होती तो संबंध में सख्त कार्रवाई होगी। -श्रवण कुमार यादव, डीआईओएस