-तीन महीने से दोपहर में लो वोल्टेज की बात कह नहीं होता एक्स-रे

PATNA CITY: एनएमसीएच में सुधार की कोशिशों के बीच पेशेंट को सुविधा नहीं मिल पाती है। थ्रसडे को दो दिन के नवजात को डॉक्टर ने चेस्ट का एक्स-रे शीघ्र कराने को कहा, मगर इमरजेंसी में मौजूद टेक्निशियन का कहना था कि लो वोल्टेज के कारण मशीन लोड नहीं ले रहा है। बाढ़ के धीरज वर्मा व रिंकी देवी कपल को 9 दिसंबर को नवजात का जन्म हुआ। स्थिति ठीक नहीं होने से डॉक्टर ने उसे रेफर कर दिया। यहां निकू में उसे रखा गया है। थ्रसडे को डॉक्टर ने जल्द एक्स-रे कराने को कहा। धीरज को एक स्लिप ईआरएन/ख्0क्भ्/क्ख्ब्ख् डॉ अनिल कुमार की यूनिट से दिया गया। वे इमरजेंसी में परेशान तकनीशियन से एक्स-रे करने की गुहार लगाते रहे। इसी तरह इमरजेंसी में गणेश साव (फ्भ् वर्ष) ईआरएस/ख्भ्फ्ब् को चेस्ट एक्स-रे डॉक्टर ने कराने को कहा।

लो वोल्टेज को बताया कारण

दोनों को कहा गया कि दोपहर दो से शाम पांच बजे तक लो वोल्टेज के कारण एक्स-रे नहीं हो पाता है। यह सिलसिला करीब तीन महीने से चल रहा है। तकनीशियन का कहना था कि इस संबंध में कई बार अधीक्षक को लिखकर सूचित की गई लेकिन स्थिति में सुधार नहीं है। शिशु विभाग के निकू में पोर्टेबल एक्स-रे की सुविधा है। फिर भी वहां इसका लाभ नहीं देकर नवजात को एक्स-रे के लिए इमरजेंसी में भेज दिया गया। वह भी नवजात को ऑक्सीजन लगने की स्थिति में एक्स-रे के लिए निकू से जेनरल इमरजेंसी में भेजा गया।

तकनीशियन और फिल्म की कमी हो जाती है। कभी एक्स-रे नहीं हो पाता है। वैसे जांच में नवजात को निमोनिया पाया गया है।

-डॉ अलका सिंह, एचओडी, शिशु विभाग

Posted By: Inextlive