इनकार किया जब साकी ने पैमाने टूट गए.. चुनाव में शराब का बहना आम बात है. इस बार चुनाव आयोग शराब के मामले में भी सख्ती बरत रहा है. निर्देश दिए गए हैं कि औसत मांग से अधिक उत्पादन न किया जाए. यानी प्रोडक्शन को कंट्रोल कर चुनावी समर में शराब पर लगाम कसने की तैयारी है..

शराब फैक्ट्रियों को दिए जाएंगे खपत से अधिक शराब न बनाने के आदेश

आबकारी विभाग के निर्देशन में चुनाव के दौरान चलेगा छापेमारी अभियान

Meerut. हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश और दिल्ली मार्का शराब की तस्करी यूपी में या यूपी के रास्ते अब नहीं हो सकेगी. दावा करते हुए डीएम अनिल ढींगरा ने बताया कि शराब फैक्ट्रियों को इस तरह के निर्देश दिए गए हैं कि वे खपत से अधिक शराब की मैन्युफैक्चरिंग न करें. साथ ही डीएम ने कहा शासन स्तर पर सभी शराब निर्माता कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश और दिल्ली के आबकारी मुख्यालयों से खपत का डाटा जुटा लें. खपत से अधिक उत्पादन नहीं होगा तो तस्करी पर खुद-ब-खुद लगाम लगेगी.

सीमाओं पर तैनात रहेगी पुलिस

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का हवाला देते हुए एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया कि जनपद की सभी सीमाओं को सील किया गया है. सभी नाकों और सीमाओं पर 24 घंटे पुलिस-प्रशासन के अलावा आबकारी अधिकारी की तैनाती की गई है. हरियाणा के रास्ते मेरठ में आ रही प्रतिबंधित शराब की तस्करी और बिक्री पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. सभी एसडीएम और सीओ को अपने-अपने क्षेत्र में शराब तस्कर और उनके ठिकानों पर छापेमारी के आदेश दिए गए हैं.

अखबार में अपराध का ब्योरा

आयोग के निर्देश पर नामांकन के बाद और मतदान प्रक्रिया से पहले प्रत्याशी को अपने आपराधिक रिकार्ड को जनपद के दो प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में 3 अलग-अलग तिथियों में प्रकाशित कराना होगा तो वहीं यही प्रक्रिया प्रशासन भी दोहराएगा. आयोग की मंशा इस बार चुनाव प्रक्रिया में बेहद पारदर्शिता लाने की है.

सोशल मीडिया पर पैनी नजर

मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनीटरिंग कमेटी एमसीसी लागू होने के बाद न्यूज पेपर में पब्लिक हो रहे कंटेंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में हो रहे प्रसारण पर नजर रखेगी. आयोग के निर्देशन में गठित इस कमेटी के एप्रूवल के बाद ही किसी तरह के विज्ञापन का प्रत्याशी समाचार पत्र प्रकाशन या टीवी पर प्रसारण कर सकेगा. खास बात यह है कि इस बार सोशल मीडिया पर हो रहे प्रचार-प्रसार पर भी नजर रखी जाएगी. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित हो रहे विज्ञापन को भी कमेटी से एप्रूव कराना होगा. बिना एप्रूवल के विज्ञापन को जारी करने पर संबंधित के खिलाफ एससीसी उल्लंघन के साथ आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा होगा. पेड न्यूज पर भी कमेटी नजर रखेगी.

जल्द ही उन समाचार पत्रों के नाम फाइनल कर लिए जाएंगे जिनमें प्रत्याशी और जिला प्रशासन आपराधिक रिकार्ड का प्रकाशन कराएगा.

अनिल ढींगरा, जिला निर्वाचन अधिकारी

हथियारों की तस्करी रोकने के लिए पुलिस टीमों को खुफिया टास्क दिए गए हैं. हाल में मवाना में पकड़ी गई हथियारों की फैक्ट्री इसी टास्क का हिस्सा थी.

नितिन तिवारी, एसएसपी

Posted By: Lekhchand Singh