एक माह पूर्व ही लगी थी आबादी के बीच स्थित पटाखा गोदाम में आग

-प्रशासन नहीं कर रहा ठोस कार्रवाई, दीपावली के लिए क्षेत्र में लगी अवैध दुकानें

Sardhna : थाना क्षेत्र के गांवों में पटाखा बनाने की कई मिनी अवैध फैक्ट्री आबादी के बीच घर-घर चल रही है, लेकिन पुलिस प्रशासन इस ओर से आंखें बंद किए हुए हैं। कई बार आबादी के बीच हुए हादसों में कई की जान चुकी है। जबकि कई अपंग हो गए, लेकिन खाकी के संरक्षण में क्षेत्र की ऐसी कई फैक्ट्रियों में काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।

नहीं हो रही कार्रवाई

सरूरपुर थाना क्षेत्र के कई गांवों में पटाखा बनाने की फैक्ट्रियां आबादी के बीच में घरों में धड़ल्ले से चल रही हैं। पुलिस और प्रशासन अधिकारी सब कुछ जानते हुए अंजान बने हैं। जिसके चलते कभी भी आबादी के बीच एक छोटी सी चिंगारी बड़ी तबाही मचा सकती है। बता दें कि एक माह पूर्व गोटका गांव में आबादी के बीच बने पटाखा गोदाम में आग लगने से जहां लाखों रुपये की कीमत का बारूद जल गया था। वहीं कई मकानों में दरारें आ गई थी। बाद में मौके पर पहुंचे एसडीएम ने जांच कराने की बात कही थी।

पहले हो चुके हैं हादसे

वहीं दो वर्ष पूर्व पटाखा बनाते समय लगी आग में गोटका निवासी दंपत्ति की मौत हो चुकी है। भले ही प्रशासन की आंख में धूल झोंकने के लिए कुछ पटाखा निर्माताओं ने औपचारिकता के लिए लाइसेंस ले रखे हो, मगर ज्यादातर फैक्ट्रियों में मानकों को ताक पर रख कर आबादी के बीच में काम हो रहा है। ग्रामीणों की मानें तो स्थानीय पुलिस की सांठगांठ से क्षेत्र में ऐसा कारोबार फल फूल रहा है। दीपावली के नजदीक आते ही पुलिसकर्मी फैक्ट्रियों के साथ दुकानों पर पहुंचकर सांठगांठ करके मोटी आमदनी करते हैं।

मेरी जानकारी में ऐसा मामला नहीं है, यदि थाने से कोई सिपाही उगाही करता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सुरेंद्र नाथ, एसओ सरूरपुर।

Posted By: Inextlive