मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सपा नेता व पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की मुलाकात के एक दिन बाद ही पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली करने के नोटिस जारी कर दिए गए।


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में उठाया गया कदमlucknow@inext.co.inLUCKNOW : सूबे के पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन के अंदर अपने सरकारी बंगलों को खाली करना होगा। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद राज्य संपत्ति अधिकारी ने सूबे के छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करना का नोटिस थमा दिया है। आदेश में साफतौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया गया है। नोटिस के मुताबिक उन्हें आगामी एक जून से पहले बंगला खाली करना होगा। राज्य सरकार के इस कदम से उन पूर्व मुख्यमंत्रियों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं जिनके बंगले को सजाने संवारने में करोड़ों रुपये खर्च किए गये थे।इन्हें भेजा गया नोटिस


राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला की ओर से छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया है। इनमें नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, मायावती व अखिलेश यादव शामिल हैं। ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने लोक प्रहरी एनजीओ की पीआईएल पर सुनवाई करने के बाद विगत सात मई को पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले खाली करने का आदेश दिया था। इसके बाद यूपी में भी हड़कंप मच गया था। पूर्व मुख्यमंत्रियों ने इस बाबत कोई बयान तो जारी नहीं किया, लेकिन बुधवार को मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। चर्चा है कि उन्होंने अपना और अखिलेश का विक्रमादित्य मार्ग स्थित बंगला बचाने के लिए उसे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी और विधान परिषद में नेता विरोधी दल अहमद हसन के नाम आवंटित करने का सुझाव भी दिया था। करने होंगे सारे भुगतानबंगला खाली करने से पहले पूर्व मुख्यमंत्रियों को इससे जुड़े सारे भुगतान भी करने होंगे अन्यथा राज्य संपत्ति द्वारा उनसे रिकवरी भी की जा सकती है। इसमें बंगले का शेष किराया, जलकर, गृहकर, बिजली का बिल इत्यादि शामिल है। बंगला खाली होने के बाद राज्य सरकार इन्हें किसी मंत्री को आवंटित कर सकती है। हालांकि इसके खाली होने की राह आसान नहीं दिख रही है और ट्रस्ट आदि के नाम पर इसे दोबारा आवंटित कराकर कब्जा बरकरार रखने की कवायद होने की संभावना भी जताई जा रही है।  नहीं काम आई अखिलेश की कवायद

ध्यान रहे कि एक अगस्त 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने 1997 के मुख्यमंत्री आवास आवंटन नियमों को गलत बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्रियों को ताउम्र सरकारी बंगले देने का प्रावधान रद कर दिया था। अदालत ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को दो महीने में बंगले खाली करने और उनसे किराया वसूली का भी आदेश दिये थे। इसके बाद अखिलेश सरकार ने 30 अगस्त, 2016 को उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध) (संशोधन) विधेयक पारित कराया था। इस विधेयक से पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले बच गए थे। इस कानून को लोक प्रहरी ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में अगस्त 2017 में चुनौती दी जिस पर अदालत ने बंगले खाली करने का आदेश जारी कर दिया और अखिलेश सरकार की बंगले बचाने की कवायद फेल हो गयी। पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले1- मायावती : 13 ए, माल एवेन्यू। 1995,1997, 2002 और 2007 में सूबे की मुख्यमंत्री रहीं।क्षेत्रफल- 2164 वर्ग मीटरकिराया-12,500 रुपयेखासियत- बुलेटप्रूफ खिड़कियां, इटैलियन मार्बल।(मायावती ने अपने ढाई एकड़ के आवास में एक सरकारी दफ्तर की ढाई एकड़ भूमि को मिलाकर इसका निर्माण कराया था। उस समय इसके कंस्ट्रक्शन और रिनोवेशन पर 86 करोड़ रुपये खर्च हुए थे)2- अखिलेश यादव : 4 विक्रमादित्य मार्ग। 2007 से 2012 तक मुख्यमंत्री रहे। क्षेत्रफल- 1535 वर्गमीटरकिराया-13,500 रुपये खासियत : अरेबियन एंटीक अंदाज, स्टाइलिश गार्डन(मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव ने इसका निर्माण कराया। लागत पर करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं लेकिन, जिसका सही अनुमान अब तक नहीं लगाया जा सका)

3- मुलायम सिंह यादव : पांच, विक्रमादित्य मार्ग। 1989, 1993 और 2003 में मुख्यमंत्री रहे। क्षेत्रफल - 2436 वर्ग मीटरकिराया-13,500 रुपये(मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद इस बंगले में आए थे। समय-समय पर इसका रेनोवेशन भी कराया जाता रहा है। सैफई और इटावा में भी खुद के मकान हैं। बतौर केंद्रीय गृह मंत्री दिल्ली में सरकारी आवास है) 4- राजनाथ सिंह : 4 कालिदास मार्ग।  सन 2000 में राजनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। क्षेत्रफल -705 वर्ग मीटरकिराया-5,320 रुपये(मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद यह बंगला आवंटित किया गया था हालांकि इसे सजाने संवारने में कोई खास खर्च नहीं हुआ, लखनऊ में अपना एक घर भी है) 5- कल्याण सिंह : 2 माल एवेन्यू। 1991 और 1997 में मुख्यमंत्री रहे।क्षेत्रफल- 1468 वर्गमीटरकिराया-12,500 रुपये(मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद यह बंगला आवंटित किया गया था। माल एवेन्यू के बड़े बंगलों में शुमार किया जाता है। राजस्थान के गर्वनर है लिहाजा ज्यादातर समय राजभवन में रहते हैं)6- एनडी तिवारी : माल एवेन्यू- 1976, 1984, 1988 में मुख्यमंत्री रहे।क्षेत्रफल 1046 वर्ग मीटरकिराया-7,550 रुपये
(मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद यह बंगला आवंटित किया गया था। रेनोवेशन में कोई खास खर्च नहीं किया गया। उत्तराखंड और दिल्ली में भी आवास है)फेसबुक पर योगी सबसे पॉपुलर सीएमसुप्रीम कोर्ट का आदेश, अब पूर्व मुख्यमंत्रियों को खाली करने पड़ेंगे सरकारी बंगले

Posted By: Satyendra Kumar Singh