पहले लोग कहा करते थे कि अगर अच्‍छी जॉब पानी है तो कुछ गिने चुने कोर्सेस करके ही स्‍टूडेंट्स का भला हो पाएगा लेकिन अब जमाना बदल चुका है। अब 12th के बाद स्टूडेंट्स अपने फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स को ध्यान में रखते हुए कई एकेडमिक कोर्स या प्रोफेशनल कोर्स दोनों में से कोई भी ऑप्ट कर सकते हैं...। खास बात यह है कि दोनों ही फील्‍ड में जॉब्‍स के अब पर्याप्‍त अवसर मौजूद हैं।

हायर एजुकेशन की बात करें, तो स्कूलिंग खत्म होने के बाद आमतौर पर स्टूडेंट्स के सामने दो ऑप्शन्स होते हैं: एकेडमिक कोर्सेज या प्रोफेशनल कोर्सेज। इन दोनों ही कोर्सेज के अपने अलग करियर प्रॉस्पेक्ट्स हैं। अक्सर अवेयरनेस न होने के चलते या दोस्तों की देखा देखी स्टूडेंट्स गलत कोर्स में एडमिशन ले लेते हैं, जिससे बाद में उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसे में इन दोनों तरह के कोर्सेज के बारे में जानकर स्टूडेंट्स को सही डिसीजन लेना चाहिए।

 

क्या हैं एकेडमिक और प्रोफेशनल कोर्सेज?

ट्रेडिशनल ग्रेजुएशन या ऑनर्स में बैचलर्स की डिग्री एकेडमिक कोर्सेज की कैटेगरी में आती है, जबकि बीटेक, मेडिकल साइंस और दूसरे टेक्निकल कोर्सेज प्रोफेशनल कोर्सेज कहे जाते हैं। जहां एकेडमिक कोर्सेज टीचिंग या गवर्नमेंट जॉब्स के लिए एप्लिकेबल माने जाते हैं, वहीं प्रोफेशनल कोर्सेज प्राइवेट सेक्टर, पब्लिक सेक्टर और तमाम दूसरे क्षेत्रों में जॉब पाने और आगे बढऩे का मौका देते हैं।

 

 

इंटरमीडिएट से शुरू कर दें एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी

जो स्टूडेंट्स 12th के बाद इंजीनियरिंग या मेडिकल साइंस में करियर बनाना चाहते हैं, उन्हें इंटर से ही इन एग्जाम्स में अपियर होने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। इन एग्जाम्स में इंटरमीडिएट तक का सिलेबस ही शामिल होता है, जिसकी तैयारी बोर्ड एग्जाम्स के साथ-साथ की जा सकती है।

 

 

किस कोर्स में है बेहतर करियर की उम्मीद?

आज के समय में एकेडमिक और प्रोफेशनल दोनों ही कोर्सेज में काफी स्कोप है। जहां एकेडमिक कोर्सेज करने के बाद स्टूडेंट्स रिसर्च, लेक्चररशिप या गवर्नमेंट जॉब्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं। वहीं प्रोफेशनल कोर्सेज करने वाले स्टूडेंट्स मल्टी नेशनल कंपनीज में काम करने के लिए परफेक्ट हो जाते हैं। प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर में करियर बनाने के अलावा उनके पास खुद का बिजनेस करने का ऑप्शन भी रहता है।

Posted By: Chandramohan Mishra