पीपीपी मॉडल के तहत 3 साल की लीज पर दिए जाएंगे कम्युनिटी सेंटर्स

रख-रखाव और कमाई का जरिया बनाने को रखा पीपीपी मॉडल का प्रस्ताव

Meerut। लाख कोशिशों के बाद भी आवास-विकास के कम्युनिटी सेंटर्स यानि सामुदायिक केंद्र अच्छी कमाई का साधन नहीं बन पा रहे हैं। रख-रखाव के अभाव में कम्युनिटी सेंटर्स की हालत भी जर्जर होती जा रही है। जिसके चलते अब आवास-विकास ने कम्युनिटी सेंटर्स की हालत सुधारने और उन्हें आय का जरिया बनाने के लिए पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के आधार पर तीन साल की लीज पर देने का मन बना लिया है।

सफेद हाथी बने सामुदायिक केंद्र

आवास-विकास की अधिकतर सभी योजनाओं में इन कम्युनिटी सेंटर्स का निर्माण इसलिए कराया गया था, कि यहां होने वाली शादी-समारोह की बुकिंग से विभाग को आमदनी हो सके। मगर उम्मीद से विपरित कम्युनिटी सेंटर्स से लोगों का मोह भंग होता जा रहा है, जिसके चलते शहर के अधिकतर कम्युनिटी सेंटर्स जर्जर हालत में हैं। जिनकी स्थिति थोड़ी ठीक है, वहां सीजन के समय में भी बुकिंग नहीं होती। इस कारण ये कम्युनिटी सेंटर्स आवास-विकास के लिए सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। हालत यह है कि रख-रखाव न हो पाने के कारण शास्त्रीनगर, जागृति विहार और माधवपुरम के कम्युनिटी सेंटर्स बंद हो चुके हैं।

4 कम्युनिटी सेंटर्स चालू

हालत यह है कि आवास-विकास की विभिन्न योजनाओं में बने 11 कम्युनिटी सेंटर्स में से आज चार ही चालू हालत में हैं। जिनमें शादियों के सीजन में कुछ बुकिंग मिल जाती हैं। इनमें योजना 1 के मंगलपांडेय नगर सेक्टर 3 का कम्युनिटी सेंटर, योजना 10 माधवपुरम सेक्टर 3 का कम्युनिटी सेंटर, योजना 6 जागृति विहार के सेक्टर 3 और 6 के कम्युनिटी सेंटर्स अभी चालू हैं।

इस संबंध में मुख्यालय स्तर पर हुई बैठक में प्रस्ताव रखा गया है। 31 कम्युनिटी सेंटर्स इसमें शामिल हैं। लीज का पूरा प्रोसेस क्या रहेगा इसकी जानकारी अभी नहीं मिली है।

प्रमोद सिंह, ईएक्सईएन, आवास-विकास

Posted By: Inextlive