पैन के बाद अब केन्‍द्र सरकार डीएल को आधार से लिंक करने की योजना बना रही है। इससे ड्राइविंग लाइसेंस बनने की समस्‍या से भी निजात मिलेगी साथ ही फर्जी डीएल बनने पर भी लगाम कसेगी।


आधार से लिंक होगा डीएलसरकार यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा जारी आधार कार्डों को सरकारी के साथ ही सभी प्राइवेट स्कीम्स से लिंक किए जाने को बढ़ावा दे रही है। इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि जल्द ही डीएल को आधार से लिंक कर दिया जायेगा। इस कदम का उद्देश्य डुप्लीकेट लाइसेंस लेने वालों पर शिकंजा कसना है। जो शराब पीकर गाड़ियां चलाते हैं। इनके चलते दुर्घटनाएं होती हैं और लोगों के हताहत होने के मामले सामने आते हैं। कॉमन सर्विस सेंटर खोलेगी सरकार
सरकार इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग, परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन और कुछ केंद्रीय स्कॉलरशिप स्कीम्स के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बना चुकी है। उन्होंने कहा कि आईटी मिनिस्ट्री के कॉमन सर्विस सेंटर्स को इस तरह की सभी सर्विसेज देने के लिए इम्पैनल्ड कर दिया गया है। जिनमें पैन नंबर या आधार कार्ड जैसी बेसिक सराकारी सुविधाएं देकर सिटीजंस की मदद करना शामिल है। 6 जून से शुरू होने वाले इन सेंटर्स से ग्रामीणों को जिलों में सरकार के लीगल ऑफिसर्स से जुड़ने की कानूनी बाध्यता को पूरा करने में मदद मिलेगी। यूपी बिहार में लॉन्च होगी पालट स्कीम


आईटी मिनिस्ट्री के कॉमन सर्विस सेंटर्स पर पैरालीगर वॉल्युंटियर्स मौजूद रहेंगे। नेशनल लीगर सर्विस अथॉरिटी का जिला स्तर पर एक सिस्टम मौजूद है। जो गरीबों को मुफ्त लीगल एडवाइस उपलब्ध कराते हैं। ये वॉल्युंटियर्स जिलों में लॉयर्स को ग्रामीणों के साथ जोड़ेंगे। इस पायलट स्कीम को 500 वॉल्युंटियर्स के साथ बिहार और उत्तर प्रदेश में शुरू किया जाएगा। 6 जून से पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर में कुल 1800 वॉल्युंटियर्स काम करना शुरू कर देंगे।

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Posted By: Prabha Punj Mishra