ई-लर्निग की ओर काशी विद्यापीठ के बढ़े कदम

-यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर अपलोड होंगे टीचर्स के लेक्चर

-स्मार्ट क्लास, लैपटॉप के बाद अब मोबाइल एप की बारी

VARANASI

हम हैं नये अंदाज क्यूं हो पुराना। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ भी कुछ ऐसी ही सोच को अमलीजामा पहनाने में जुटा हुआ है। यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी को आत्मसात करने में जुट गया है। ई-लर्निग के क्रम में अब एक और सार्थक कदम उठाया गया है। इसके तहत टीचर्स के लेक्चर यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे ताकि क्लास में जाने से पहले छात्र संबंधित चैप्टर के बारे में भली-भांति समझ सकें और क्लासेस में पढ़ाए गए टॉपिक पर अपनी जिज्ञासा शांत कर सकें। कम से कम उन्हें संबंधित विषय और टॉपिक को समझने में कोई प्रॉब्लम न हो।

एक-एक कर बढ़ रहा कदम

इधर के सालों में काशी विद्यापीठ ई-गवर्नेस की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इसके तहत सभी फॉर्म के साथ-साथ, परीक्षा शुल्क सहित अन्य शुल्क ऑनलाइन किए जा चुके हैं। इस वर्ष छात्रसंघ इलेक्शन में हाईटेक तरीका अपनाया गया था। पूरा कैंपस वाई-फाई किया जा चुका है। सात डिपार्टमेंट में स्मार्ट क्लास बनाए जा चुके हैं। वहीं अध्यापकों को तकनीकी से जोड़ने के लिए मुफ्त लैपटॉप देने का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण में फ्7 अध्यापकों को लैपटॉप दिया भी जा चुका है। दूसरी ओर स्मार्ट क्लास के माध्यम से शिक्षकों का लेक्चर तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि इसे विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके।

जल्द ही मोबाइल एप

गिनती के यूनिवर्सिटी की तरह नेक्स्ट सेशन से विद्यापीठ के छात्रों को कोर्सेस सहित अन्य इंफॉर्मेशन स्मार्ट फोन पर ही मिल जाएगी। विद्यापीठ ने अपना एक मोबाइल एप लांच करने का डिसीजन लिया है। इस क्रम में यूपी डेस्को को साफ्टवेयर बनाने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। इस एप को डाउनलोड करने वाले स्टूडेंट जब चाहें तब जहां चाहें वहां पढ़ाई कर सकते हैं।

यूजीसी लगातार टीचिंग मैथड, क्वालिटी एजुकेशन व इन्नोवेशन पर बल दे रही है। इसे देखते हुए शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ, टीचिंग मैथड व नवीन खोज पर विचार किया जा रहा है। इस क्रम में नया प्रयोग ई-टीचिंग की रूपरेखा बनाई गई है।

डॉ। पृथ्वीश नाग, वाइस चांसलर

Posted By: Inextlive