- डीडीयू में जनवरी में जलाई गई 42 लाख की बिजली, प्रशासन ने महोत्सव में मीटर रीडिंग से जमा किए 2 लाख

- हर माह एवरेज 30 लाख बिजली बिल के तौर पर जमा करती है गोरखपुर यूनिवर्सिटी

GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में फिर बड़ा गोलमाल सामने आया है। यहां जनवरी माह के दौरान 42 लाख रुपए की बिजली जला डाली गई है। यह आंकड़ा उनके एवरेज बिल से 10 लाख रुपए ज्यादा है। अब जिम्मेदारों के बीच इस बात को लेकर मंथन शुरू हो चुका है कि आखिर 10 लाख की बिजली कहां जला दी गई है, जबकि यूनिवर्सिटी में बिजली का खर्च काफी कम है। मगर इसका जवाब किसी के पास नहीं है। अब जिम्मेदार सभी पहलुओं पर नजर रखे हुए हैं और जानने की कोशिश में जुट गए हैं कि आखिर इतना ज्यादा बिल कैसे आया है।

30 लाख दिया जाता है बिल

गोरखपुर यूनिवर्सिटी कैंपस के साथ ही एडी बिल्डिंग और एजुकेशन फैकेल्टी में बिजली इस्तेमाल की जाती है। हॉस्टल में भी जमकर बिजली इस्तेमाल होती है। वहीं कई डिपार्टमेंट में एयर कंडीशन लगे हुए हैं, तो वहीं डिजिटल क्लास रूम्स के साथ ही दूसरी जगह इस्तेमाल करने में यूनिवर्सिटी हर माह बिजली विभाग को करीब 30 लाख रुपए अदा करती है। यहां चौबीस घंटे बिजली सप्लाई की जाती है। मगर इस बार बिल में करीब 12 लाख रुपए बढ़त हुई है, जिसमें जिला प्रशासन ने महोत्सव के एवज में मीटर रीडिंग के हिसाब से यूनिवर्सिटी को दो लाख रुपए बिजली का बिल पेमेंट किया है। बाकी 10 लाख रुपए की बिजली कहां जली है, इसका रिकॉर्ड किसी के पास नहीं है।

11 से 13 के बीच हुआ था महोत्सव

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में जनवरी माह का बिल ज्यादा आया है। इस दौरान जिला प्रशासन ने यूनिवर्सिटी कैंपस में 'गोरखपुर महोत्सव' ऑर्गनाइज किया था। इसकी वजह से बिल में इजाफा हुआ। मगर यूनिवर्सिटी में जो बिजली इस्तेमाल होती थी, उसका बिल 30 लाख रुपए ही आता था। वहीं महोत्सव के दौरान विभाग ने मीटर लगवाया था, जिसकी रीडिंग के मुताबिक यूनिवर्सिटी को उन्होंने दो लाख रुपए बिल में छूट दी है। ऐसे में 12 लाख रुपए एक्स्ट्रा बिल में दो लाख की छूट मिल जाने के बाद भी 10 लाख रुपए एक्स्ट्रा बिल आ रहा है। इस मामले में जिम्मेदार अब कटिया कनेक्शन का अंदेशा जता रहे हैं, जिससे यूनिवर्सिटी के बिल में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।

वर्जन

मामला संज्ञान में आया है। बिजली के बिल में जो अप्रत्याशित बढ़त हुई है, उसकी क्या वजह है, इसकी जांच कराई जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

- वीरेंद्र चौबे, फाइनेंस ऑफिसर, डीडीयूजीयू

Posted By: Inextlive