अब डीएल के लिए आवेदन करने वाले को अपने अलावा एक अन्य मोबाइल नंबर भी देना होगा. यह नंबर डीएल में प्रिंट किया जाएगा.

325 डीएल के आवेदन ट्रांसपोर्ट नगर आरटीओ ऑफिस में डेली

125 डीएल के आवेदन डेली देवा रोड एआरटीओ ऑफिस में

75 सौ डीएल हर माह होते हैं जारी

2 लाख डीएल हर माह बनते हैं प्रदेश में

- डीएल पर प्रिंट होगा आवेदक के परिजन का मोबाइल नंबर

- केंद्रीय परिहवन मंत्रालय ने जारी किए आदेश

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LUCKNOW: एक्सीडेंट का शिकार होने वाले व्यक्ति के परिजनों को इसकी सूचना जल्द मिले इसके लिए लाइसेंस की व्यवस्था में बदलाव किया गया है. केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार अब डीएल के लिए आवेदन करने वाले को अपने अलावा एक अन्य मोबाइल नंबर भी देना होगा. यह नंबर डीएल में प्रिंट किया जाएगा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर व्यक्ति के परिजनों से संपर्क किया जा सके.

समय पर नहीं मिलता ट्रीटमेंट
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है. कई बार एक्सीडेंट होने पर पुलिस या राहगीर चोटिल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाने के बाद किनारा कर लेते हैं. गंभीर रूप से घायल व्यक्ति वहां अपने परिजनों की जानकारी नहीं दे पाते हैं और देखरेख और सही ट्रीटमेंट न मिलने से उनकी मौत तक हो जाती है. इस नई व्यवस्था में ऐसी हालत में परिजनों से तुरंत संपर्क हो जाएगा और वे मरीज के बेहतर इलाज के लिए तुरंत हॉस्पिटल पहुंच जाएंगे. इससे रोड एक्सीडेंट में होने वाली मौत कम हो जाएंगी.

देना चाहिए इमरजेंसी नंबर
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब डीएल के लिए आवेदन करने वाले को अपने पर्सनल मोबाइल नंबर के साथ एक परिजन का नंबर देना अनिवार्य कर दिया गया है. यह दिया गया नंबर डीएल में छापा जाएगा.

हो चुकी है शुरुआत
यह व्यवस्था लाइसेंस प्रक्रिया में किए गए बदलाव के अंतर्गत शामिल की गई है. मुख्यालय से प्रिंट होकर आने वाले लाइसेंस में इमरजेंसी नंबर डाले जा रहे हैं. जिनके लाइसेंस पहले के हैं वे नया लाइसेंस बनवाकर उसमें ये नंबर डलवा सकते हैं.

एक्सीडेंट में घायलों के परिजनों को सही समय पर सूचित किया जा सके, इसलिए यह शुरुआत की गई है. लोगों को इस व्यवस्था में सही नंबर डालें जिससे इमरजेंसी में उनके परिजनों से संपर्क कर सके.
राघवेंद्र सिंह, एआरटीओ प्रशासन

Posted By: Kushal Mishra