आई स्पेशल

- केजीएमयू में रिसर्च और एक्स्ट्रा काम पर एक्स्ट्रा पैकेज का प्रस्ताव

- विदेशों की तर्ज पर रिसर्च करने वालों को मिलेगा फायदा

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू)) में अब लंदन की तर्ज पर ज्यादा काम पर ज्यादा पैकेज मिलेगा। अगर एक डॉक्टर सर्जरी, टीचिंग और रिसर्च भी करता है तो उसकी सैलरी चार गुनी तक मिल सकती है। काम के आधार पर यह हर माह अलग-अलग हो सकती है। केजीएमयू प्रशासन ने शासन को इसका प्रस्ताव भेजा है। शासन से हरी झंडी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।

रिसर्च को लगेंगे पंख

विश्व स्तर पर केजीएमयू की पहचान के लिए आवश्यक है कि रिसर्च को बढ़ावा मिले। इसके लिए करोड़ों खर्च कर रिसर्च लैबोरेटरी भी बनाई गई थी। फिर भी रिसर्च कार्यो को उतनी गति नहीं मिल पा रही है। बहुत सी फैकल्टी का मानना है कि सैलरी उतनी ही मिलेगी तो एक्स्ट्रा मेहनत क्यों की जाए। इनसे निपटने के लिए केजीएमयू प्रशासन यूके की तर्ज एक्स्ट्रा वर्क, एक्स्ट्रा पैकेज मॉडल अपनाने के प्रयास में है। इससे केजीएमयू के 500 से अधिक फैकल्टी मेंबर्स और लगभग 1000 रेजीडेंट डॉक्टर्स को फायदा मिलेगा। केजीएमयू प्रशासन का मानना है कि इससे रिसर्च वर्क को पंख लगेंगे और संस्थान विश्व स्तर पर मान बढ़ेगा।

चार गुनी तक बढ़ सकती है सैलरी

केजीएमयू प्रशासन के अनुसार यूके में मेडिकल कॉलेजों की फैकल्टी को चार पैकेज मिलते हैं। एक प्रोफेसर पद पर पढ़ाने के लिए दिया जाता है जो सभी का होता है। दूसरा अस्पताल में काम करने, तीसरा संडे या अवकाश में काम करने, और चौथा रिसर्च के लिए। यानी हर एक एक्स्ट्रा काम के लिए एक्स्ट्रा पैकेज। इस प्रकार से अगर प्रोफेसर को 2 लाख सैलरी मिलती है तो इलाज, संडे या रात में कारने के लिए, रिसर्च और टीचिंग चारों के लिए उसकी सैलरी हर स्तर पर बढ़ते हुए 8 लाख पहुंच जाएगी। इससे लगभग 1000 रेजीडेंट डॉक्टर्स को भी फायदा मिल सकता है। रात में और संडे को एक्स्ट्रा काम का उन्हें भी फायदा मिलेगा।

प्राइवेट प्रैक्टिस पर लगेगी रोग

केजीएमयू प्रशासन को उम्मीद है कि ये ऑफर डॉक्टर्स को मिला तो वे अपने का काम को एंज्वाय करते हुए मेहनत से काम करेंगे। साथ ही इससे प्राइवेट प्रैक्टिस पर भी लगाम लगेगी। अभी बड़ी संख्या में केजीएमयू के डॉक्टर्स पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप लगते हैं और केजीएमयू प्रशासन चाहकर भी इसमें रोक नहीं लगा पा रहा है। दबी जुबान में केजीएमयू प्रशासन के अधिकारी स्वीकार करते हैं कि अगर प्राइवेट प्रैक्टिस पर सख्ती से रोक लगाई गई तो काफी डॉक्टर संस्थान छोड़ सकते हैं। जिसके कारण ही केजीएमयू प्रशासन अन्य तरह से उनको लुभाने की कोशिश में है।

मिलेगा टूरिज्म को बढ़ावा

केजीएमयू प्रशासन के अनुसार इस मामले में दो बार शासन से वार्ता हो चुकी है। शासन का भी मामले में पॉजिटिव रूख है। अगर इसकी परमीशन मिलती है तो केजीएमयू मे मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि इसके आधार पर इवनिंग क्लासेस से लेकर ऑपरेशन की संख्या तक बढ़ेगी। जिनमें प्राइवेट संस्थानों की तर्ज पर चार्ज किया जाएगा और उसका फायदा टीचर्स के साथ अन्य सामान्य मरीजों को भी मिलेगा। साथ ही मरीज प्राइवेट में न जाकर केजाएमयू ही आएंगे जिससे उन्हें एक्सपर्ट डॉक्टर्स का भी फायदा मिलेगा।

कोट--

अधिक काम करने वाले का पैकेज अधिक होना चाहिए। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। अनुमति मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा।

वीसी, प्रो। रविकांत, केजीएमयू

Posted By: Inextlive