600 से अधिक प्रोफेशनल कराटे की

123 महिलाएं कराटे की लेने आई ट्रेनिंग

800 महिलाएं जूडो से सीधे जुड़ी हैं

200 महिलाएं और ट्रेनिंग के लिए आने लगीं

- बढ़ते महिला अपराधों को देखते हुए महिलाओं ने शुरू की सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग

- स्जूडो, कराटे के साथ ही वुशू के खेल में लगातार बढ़ रही महिलाओं की संख्या

LUCKNOW:

महिलाओं के साथ बढ़ते अपराधों का डर राजधानी की महिलाओं में भी दिखाई दे रहा है। वे अपने आप को किसी भी हालात से निपटने की तैयारी कर रही हैं। इसके लिए वे सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने वालों से संपर्क कर रही हैं। वहीं बड़ी संख्या में महिलाएं जूडो, कराटे और ताइक्वांडो का प्रशिक्षण ले रही हैं। इन खेलों की ट्रेनिंग देने वालों का कहना है कि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं ट्रेनिंग के लिए उनसे संपर्क कर रही हैं।

हो रहीं जागरूक

कराटे और जूडो का प्रशिक्षण देने वालों ने बताया कि अभी तक इन खेलों में करियर बनाने के लिए ही महिलाएं ट्रेनिंग के लिए आती थीं लेकिन अब वे आत्मरक्षा के लिए भी इसकी ट्रेनिंग कर रही हैं। ताइक्वांडों में भी सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग के लिए ग‌र्ल्स प्लेयर्स के साथ महिला खिलाड़ी संपर्क कर रही हैं।

कराटे: आंख पर करें वार

कराटे के प्रशिक्षकों ने बताया कि सेल्फ डिफेंस में महिलाओं को घुटने से पुरुषों के कमर के नीचे वाले हिस्से में तेजी से मारना सिखाया जाता है। बेस्ट अटैक कोहनी का माना जाता है। कोई पीछे पकड़े तो कोहनी कनपटी, दांत या फिर पेट में पूरी ताकत से मारनी चाहिए। विषम परिस्थितियों में जब महिलाएं फंसें तो उन्हें सामने वाले की आंखों पर वार करना चाहिए।

जूडो: नाखून ही पहला हथियार

जूडो ट्रेनर ने बताया कि महिलाओं को यह भी बताया जाता है कि नाखून ही उनका पहला हथियार हैं। इससे अगर आंख पर वार करें तो सामने वाला उन्हें छोड़ देगा और पीछा भी नहीं कर सकेगा। वहीं पीछे से अटैक करने वाला भी उन्हें छोड़कर अपनी आंखों की सुरक्षा उन्हें बंदकर के करेगा। जूडो की ट्रेनिंग में महिलाओं का बताया जा रहा है कि वे किस तरह अपने हेयर पिन को हमलावर की जांघ पर मारकर उसे घायल कर अपनी रक्षा कर सकती हैं।

ताइक्वांडो: लगातार करें वार

ताइक्वांडो की ट्रेनिंग ले रही महिलाओं को बताया जा रहा है कि वे कोशिश करें कि सन्नाटे वाले एरिया में न जाएं। सेल्फ डिफेंस के दौरान पहले चिल्लाकर भागने की कोशिश करें, ताकि हेल्प मिल सके। वहीं कोई विकल्प न बचने पर हमलावर की कमर के नीचे पूरी ताकत से घुटने से प्रहार करें और तब तक करते रहें जब तक वह भाग न जाए। महिलाओं को आंखें नोचना और पेन-हेयर पिन का वार करना भी सिखाया जा रहा है।

कराटे प्रशिक्षकों के अनुसार राजधानी में 600 से अधिक प्रोफेशनल ग‌र्ल्स इस खेल से जुड़ी हैं। पिछले एक सप्ताह के दौरान विभिन्न एरिया में चल रहे कैंपों में 123 से अधिक महिलाएं सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग ले रही हैं। ये महिलाएं सप्ताह में तीन से चार दिन क्लास में आ रही हैं। वहीं राजधानी में करीब 800 महिलाएं सीधे जूडो के खेल से जुड़ी हैं। एक सप्ताह के अंदर ही 200 से अधिक महिलाएं और इसकी ट्रेनिंग के लिए आने लगी हैं। ताइक्वांडो की ट्रेनिंग में भी महिलाओं की संख्या बढ़ रही है।

हमने अपने यहां सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेने आने वाली किसी भी महिला से फीस न लिए जाने के आदेश दे रखे हैं। महिलाएं जब चाहें तब इस कोर्स को कर सकती हैं। महिलाओं के लिए सेल्फ डिफेंस प्रोग्राम तैयार कराए जा रहे हैं। जिससे उन्हें बेहतर ट्रेनिंग मिले।

टीपी हवेलिया, अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश कराटे संघ

महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए खुद आगे आना होगा। सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग का प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। महिलाओं को फ्री इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है। स्टूडेंट्स के साथ ऑफिस जाने वाली महिलाएं भी इस ट्रेनिंग के लिए संपर्क कर रही हैं।

आयशा अंजार, सचिव

उत्तर प्रदेश जूडो एसोसिएशन

Posted By: Inextlive