वीआईपी नंबर वेबसाइट पर खुलते ही हो रहे हैं ब्लॉक

मुख्यालय के आदेश पर आईटी सेल ने शुरू की जांच

Meerut। गाडि़यों के वीआईपी नंबरों की लगातार बढ़ती डिमांड और ऊंचे दाम के चलते अब वीआईपी नंबर भी हैकर्स के निशाने पर आ गए हैं। ऑनलाइन बुकिंग होने के कारण वीआईपी नंबर नेट पर उपलब्ध होने के चंद सेकेंड बाद ही वेबसाइट से गायब हो जाता है। ऐसे में वीआईपी नंबर चाहने वालों को अपनी पसंद का नंबर नहीं मिल पा रहा है। लगातार वीआईपी नंबरों के ब्लॉक होने की शिकायतों के बढ़ने पर परिवहन विभाग ने मुख्यालय स्तर पर एनआईसी को इस जांच सौंपी है। एआरटीओ श्वेता वर्मा ने बताया कि मुख्यालय स्तर पर वीआईपी नंबर ब्लॉक होने की शिकायतें प्राप्त हुई थी। जिनकी जांच एनआईसी के स्तर पर कराई जा रही है। मेरठ में अभी ऐसा कोई केस नही है।

लाखों में ब्लैक होते हैं नंबर

दरअसल, वीआईपी नंबर की श्रेणी में परिवहन विभाग ने 347 नंबरों को चार कैटगरी में बांट कर शामिल किया हुआ है। इस कैटेगरी में 15 हजार से लेकर 3 हजार रुपये तक की कीमत के नंबर शामिल हैं। इन नंबरों को परिवहन विभाग की वेबसाइट पर पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर ऑनलाइन बुक कराकर खरीदा जाता है। मगर पिछले कुछ समय से वीआईपी नंबर साइट पर ओपन होने के चंद सेकेंड बाद ही वेबसाइट से गायब हो रहे हैं। इन नंबरों को ब्लैक में एक-एक लाख रुपये तक बेचा जाता है। ऐसे मे कुछ विशेष डिमांडेबल वीआईपी नंबर के न मिलने से परेशान उपभोक्ताओं की शिकायत पर लखनऊ मुख्यालय ने इस मामले में जांच शुरू की है।

पेमेंट प्रोसेस रोकते हैं हैकर

ऑनलाइन नंबर बुक होने के बाद नंबर को खरीदने के लिए ऑनलाइन बैंक प्रोसेस पूरा कर पैसा जमा करना होता है। इस दौरान नंबर बुक होते ही वेबसाइट से गायब हो जाता है। बैंक प्रोसेस के दौरान पेमेंट मिलने तक नंबर वेबसाइट पर नहीं दिखता। यदि पेमेंट की प्रोसेस पूरी ना हो तो करीब ढाई से तीन घंटे बाद नंबर दोबारा वेबसाइट पर अपडेट हो जाता है। ऐसे में हैकर वेबसाइट पर वीआईपी नंबर आते ही उन्हें बुक कर लेते हैं लेकिन पेमेंट प्रोसेस पूरा नहीं करते। ऐसे में करीब तीन घंटे तक नंबर वेबसाइट से गायब रहता है। बाद में दोबारा नंबर शो होने पर उसी नंबर को अपने या अपने किसी ग्राहक के नाम पर बुक कर देते हैं।

9 और 1 सीरीज के नंबर गायब

वीआईपी नंबर में से अभी 9 और 1 की सीरीज वाले नंबरों पर सेंधमारों की नजर है। हाल ही में मुख्यालय स्तर पर प्राप्त शिकायत में 9999, 0090, 0009, 9000, 0001 आदि सीरीज के नंबरों के वेबसाइट पर लगातार ब्लॉक होने की शिकायत मिली है।

Posted By: Inextlive