अब शायद वह वक्‍त आ चुका है जब इंडियंस अमेरिका जैसे कई देशों को अलविदा कह देंगे. जी हां अभी तक जहां अमेरिका ऑस्‍ट्रेलिया और यूरोपीय देशों में नौकरियों की भरमार रहती थीं वहां अब इसमें लगातार कमी आती जा रही है वहीं दूसरी ओर इंडिया में अगले 3 महीने में नौकरियों की बौछार होने की संभावना है.

नौकरी की लगेगी भरमार
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया में इकॉनमी के स्थिति में लगतार सुधार हो रहा है, ऐसे में अब मार्केट का विस्तार भी शुरू हो गया है. यहां की कंपनियां जोरदार तरीके से नई नियुक्तियां करने जा रही हैं. बताया जा रहा है कि इंडिया में सबसे ज्यादा नौकरियां माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में आने वाली हैं.

कंपनियां हैं तैयार

मैनपावर एंप्लॉयमेंट आउटलुक सर्वे के अनुसार, देश में आर्थिक माहौल में तेजी से सुधार होने की उम्मीद के बीच इंडियन कंपनियां दूसरे देशों की तुलना में नई नियुक्तियों को लेकर काफी आशावान हैं. 46 परसेंट कंपनियां इस दौरान अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही हैं. वैश्विक स्तर पर, चौथी तिमाही में भारत, ताइवान और न्यूजीलैंड में नौकरियों को लेकर विश्वास सबसे मजबूत है, जबकि स्पेन, इटली, आयरलैंड, चेक गणराज्य और फिनलैंड में यह विश्वास कमजोर है. मैनपावर ग्रुप इंडिया के मैनेजमेंट डायरेक्टर ए.जी.राव ने कहा कि इंडियन कंपनियों को भरोसा है कि देश में स्थायी सरकार बनने से कंपनियां विस्तार में जुट गई हैं, जिससे नौकरियां निकलेंगी.
ग्लोबल मार्केट में स्लोडाउन
वर्ल्ड बैंक की स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि जी-20 देशों के मार्केट में जॉब क्राइसिस हो सकता है. ऑस्ट्रेलिया में आयोजित जी-20 लेबर एंड एंप्लॉयमेंट मिनिस्ट्रियल मीटिंग के दौरान जारी रिपोर्ट में वर्ल्ड बैंक ने कहा कि जी-20 देश में करीब 10 करोड1 बेरोजगार हैं. मगर जिस तरह का आर्थिक माहौल है, उससे यह आशंका बन रही है कि इन देशों में नौकरियों में कमी हो सकती है. इसका प्रमुख कारण निवेश में कमी होना है, जिसकी वजह से मार्केट का विस्तार नहीं हो रहा है. रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेशनल मार्केट में सबसे चिंता की बात यह हो सकती है कि हायर लेवल के जॉब्स में कमी आ जाये.  

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari