आगरा। शरीर में किसी भी जगह ट्यूमर है तो अल्ट्रासाउंड की मदद से पता चल सकता है। वहीं, दो से तीन एमएम आकार के ट्यूमर को माइक्रोवेब थैरेपी से खत्म किया जा सकता है। रविवार को होटल कोर्टयार्ड बाई मैरिएट पर इंडियन रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन (यूपी चैप्टर, रीकॉन) की 33वीं दो दिवसीय वार्षिक कार्यशाला का समापन हुआ् इस दौरान जटिल बीमारियों को डायग्नोज करने में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, सीटी स्कैन और एमआरआई की अत्याधुनिक तकनीकी पर चर्चा की गई।

माइक्रोवेब थैरेपी हो रही कारगर

डॉ। पंकज शर्मा, एम्स ऋषिकेश ने बताया कि माइक्रोवेब थैरेपी से शरीर के किसी भी अंग में मौजूद दो से तीन एमएम के ट्यूमर को खत्म किया जा सकता है। इसमें हाई फ्रीक्वेन्सी माइक्रोवेब एनर्जी से कैंसर की सेल को नष्ट कर दिया जाता है। स्तन कैंसर को डायग्नोज करने में समस्या आती थी, अब यह भी आसान हो गया है। वैक्यूम असिस्टेड ब्रेस्ट बायोप्सी की मदद से एक सुई से ही टिश्यू ले सकते हैं। यह 360 डिग्री घूम जाती है। इससे छोटे आकार के ट्यूमर भी खत्म हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि लिवर के कैंसर में ट्रांस आर्टियल कीमो एम्बोलाइजेशन से उस नस को ब्लॉक कर दिया जाता है, जिससे ट्यूमर में ब्लड सप्लाई हो रही है। इस तकनीकी से लिवर कैंसर के इलाज में अच्छे रिजल्ट आ रहे हैं।

यह लोग रहे मौजूद

यूपी सचिव डॉ। वनज माथुर, आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ। अजय बुलागन, सचिव डॉ एके अरोरा, डॉ। पंकज नगायच, डॉ। अरविन्द गुप्ता, डॉ। अंजलि गुप्ता, डॉ। हिमांशु, डॉ। पंकज रंजन, डॉ। सुगंधा रावत, डॉ। अरुन खन्ना, डॉ। संजना अरोरा, डॉ। नुपुर कौशिक, डॉ। राजेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

Posted By: Inextlive