फरवरी में होने वाली यूपी इंवेस्टर्स समिट से मंत्रियों से उनके कामकाज का ब्योरा तलब करने की तैयारी शुरू हो गयी है। दरअसल राज्य सरकार इंवेस्टर्स समिट के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा बीते एक साल के दौरान किए गये अच्छे कामों का लेखा-जोखा रखना चाहती है ताकि निवेशकों के सामने इसे पेश करके उनका भरोसा जीता जा सके।


- इंवेस्टर्स समिट से पहले बताने होंगे विभाग द्वारा किये गये कार्य- सरकार के एक साल पूरे होने पर पेश किया जाएगा उपलब्धियों का ब्योरा- गांव-गांव तक योगी सरकार के कामकाज का किया जाएगा प्रचार-प्रसाव्यापक पैमाने पर प्रचार-प्रसारजी हां करीब एक माह बाद मार्च में राज्य सरकार के गठन की एक साल की अवधि भी पूरी हो जाएगी। लिहाजा विभागों की उपलब्धियों को बेहतरीन तरीके से संजो कर इसका व्यापक पैमाने पर प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। वहीं जिन जगहों पर कमियां सामने आ रही हैं, वहां भी कील-कांटा दुरुस्त कर सरकार की अच्छी छवि तैयार करने की कवायद होगी। इंवेस्टर्स समिट में राज्य सरकार कारोबार के साथ रोजगार पर भी खास ध्यान दे रही है। सफलता का पूरा दारोमदार


इसका मुख्य उद्देश्य यूपी में उद्योगों का जाल बिछाने के साथ बेरोजगारों को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इंवेस्टर्स समिट की सफलता का पूरा दारोमदार इसी पर टिका हुआ है। समिट से अर्जित की गयी उपलब्धियों को एक साल पूरे होने पर राज्य सरकार की सफलताओं से जोड़ा जाना है। पार्टी सूत्रों की मानें तो समिट के बाद ही प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार भी किया जाएगा जिसमें कई नये चेहरों को जगह मिलेगी तो कुछ मंत्रियों का प्रमोशन भी होगा।

सरकार की छवि में चार चांदखासकर जिन विभागों ने सरकार की छवि में चार चांद लगाए हैं, उनके मंत्रियों को सरकार प्रमोट करने की तैयारी में है। वहीं निकाय चुनाव और गुजरात चुनाव में जोरदार प्रचार अभियान चलाने वाले मंत्रियों और नेताओं का कद बढऩा भी तय है। इनमें परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, ग्राम्य विकास मंत्री महेंद्र सिंह, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना का नाम आगे चल रहा है। वहीं गुजरात चुनाव में भेजी गयी प्रदेश की 'बीÓ टीम को भी उनकी मेहनत का इनाम दिया जाएगा।

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Posted By: Shweta Mishra