आगरा। अब सड़क सुरक्षा शिक्षा स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा होगीं। बच्चे यातायात का पाठ पढेंगे और शिक्षक होंगे न्यूरो के डॉक्टर। आगरा में आयोजित न्यूरो विशेषज्ञों के सम्मेलन न्यूरोटॉमा 2019 में कई अहम निर्णय लिए गए हैं। न्यूरोट्रॉमा सोसायटी ऑफ इंडिया और न्यूरोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में आगरा में आयोजित न्यूरोट्रॉमा 2019 रविवार को संपन्न हो गई। सम्मेलन के आखिरी दिन कई तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। वरिष्ठ न्यूरो सर्जन एवं आयोजन सह अध्यक्ष डॉ। आरसी मिश्रा ने बताया कि आगरा में न्यूरोट्रॉमा 2019 अपने उद्देश्य पर खरी उतरी है। इसके जरिए यातायात के नियमों खासकर हेलमेट और सीट बेल्ट की अहमियत लोगों को समझाने की कोशिश की गई है। स्कूलों को अभियान से जोड़ा गया है, जिससे आने वाले समय में एक बड़े बदलाव की उम्मीद है। न्यूरोट्रॉमा सोसायटी ऑफ इंडिया अपनी एक टीम गठित करेगी, जो स्कूल में जाकर क्लास सिक्स से क्लास 12वीं तक के बच्चों के अंदर यातायात के प्रति गंभीरता पैदा करेगी।

हर साल में डेढ़ लाख होती हैं मौतें

न्यूरोट्रॉमा सोसायटी ऑफ इंडिया के सचिव डॉ। सुमित सिन्हा ने बताया कि देश में हर मिनट एक सड़क दुर्घटना होती है। हर चार मिनट में एक मौत हो जाती है। सालाना करीब 1.50 लाख लोग सड़क हादसों का शिकार होते हैं। जयपुर के संवाई मानसिंह अस्पताल के डॉ। वीडी सिन्हा ने बताया कि सिर के ऑपरेशन के बाद क्रिमियोप्लास्टी काम आ रही है। यह एक थ्रीडी तकनीक है, जो ऑपरेशन के बाद सिर को पहले जैसा कर देती है। सिर की टूटी हुई हड्डी को प्लास्टिक सर्जरी की तरह ही जोड़ दिया जाता है।

Posted By: Inextlive